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Fri, Dec 12, 2025

सुरक्षा को लेकर हाई कोर्ट सख्त, मकर संक्रांति से पहले इन 14 जिलों में चाइनीज मांझा बैन

Written by:Bhawna Choubey
मकर संक्रांति करीब है, लेकिन चाइनीज मांझे से हुए हादसों ने त्योहार की खुशियां डर में बदल दीं। इंदौर हाई कोर्ट ने 14 जिलों में चाइनीज मांझा पूरी तरह बैन कर दिया है। अब प्रशासन को बाजारों में कड़ी निगरानी करने के आदेश मिले हैं।

मकर संक्रांति आने में कुछ ही दिन बचे हैं। बाजारों में पतंगों की दुकानें सज चुकी हैं, बच्चों की आंखों में उत्साह है, और छतों पर उड़ती पतंगों की कल्पना से ही त्योहार की रौनक महसूस होने लगती है। लेकिन पिछले कुछ दिनों में चाइनीज मांझे से हुए दर्दनाक हादसों ने इस खुशियों भरे त्योहार पर एक काली छाया डाल दी।

इंदौर में एक नाबालिग बच्चे की गर्दन कटने से मौत, खजराना में एक व्यक्ति का अंगूठा कटने जैसी घटनाओं ने हाई कोर्ट को झकझोर दिया। लगातार बढ़ते हादसों को देखते हुए इंदौर हाई कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाते हुए बड़े स्तर पर कार्रवाई की है और प्रदेश के 14 जिलों में चाइनीज मांझे की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन पर अब कड़ी निगरानी की जिम्मेदारी आ गई है, जिससे कि त्योहार किसी और मासूम की जान न ले।

क्या है पूरा मामला?

मकर संक्रांति से पहले इंदौर और आसपास के क्षेत्रों में चाइनीज मांझे से लगातार हादसे बढ़ने लगे थे। कनाडिया थाना क्षेत्र में एक नाबालिग बच्चे की चाइनीज मांझे से गर्दन कटने से मौत ने पूरे शहर को हिला दिया। यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि चेतावनी थी कि त्योहार की भीड़ में किसी भी दिन बड़ा नुकसान हो सकता है।

इसी बीच खजराना थाना इलाके में एक व्यक्ति का चाइनीज मांझे में पैर उलझ गया और उसका अंगूठा कट गया। शहर के अन्य क्षेत्रों से भी इसी तरह की घटनाओं की रिपोर्ट आने लगी। ये घटनाएँ हाई कोर्ट के ध्यान में आईं और कोर्ट ने बिना किसी शिकायत का इंतज़ार किए स्वत: संज्ञान लिया। यह कदम बताता है कि अदालत इस मुद्दे को कितना गंभीर मानती है।

न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला और बीके द्विवेदी की कड़ी टिप्पणी

सुनवाई के दौरान पीठ ने साफ कहा चाइनीज मांझा खुलेआम बिक रहा है और प्रशासन सिर्फ कागजों में कार्रवाई दिखा रहा है। वास्तविकता में ग्राउंड पर स्थिति अलग है। कोर्ट ने साफ पूछा कि जब इसके कारण लगातार हादसे हो रहे हैं, तब अधिकारी कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे? कोर्ट की टिप्पणी ने प्रशासन की जिम्मेदारी को और ज्यादा केंद्रित कर दिया।

सरकारी उप महाधिवक्ता सुदीप भार्गव ने कोर्ट को बताया कि चाइनीज मांझे पर पहले ही प्रतिबंध का आदेश जारी किया जा चुका है, और पुलिस अभियान चलाकर कार्रवाई भी कर रही है। लेकिन अदालत ने इस पर संतोष नहीं जताया और साफ निर्देश दिए कि प्रतिबंध कागजों में नहीं, जमीन पर दिखना चाहिए।

जिन 14 जिलों में चाइनीज मांझा पूरी तरह बैन हुआ है

  1. इंदौर
  2. देवास
  3. उज्जैन
  4. रतलाम
  5. नीमच
  6. मंदसौर
  7. आगर मालवा
  8. शाजापुर
  9. राजगढ़
  10. धार
  11. झाबुआ
  12. अलीराजपुर
  13. खरगोन
  14. बड़वानी

हाई कोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिया है कि बाजारों में नियमित निरीक्षण किया जाए। जहां-जहां पतंग और मांझा बिकता है, राजवाड़ा, सियागंज, मालवायुक्ति, राऊ, खजराना जैसे बड़े बाजारों में विशेष टीमें निगरानी करेंगी। दुकानदारों से स्टॉक की जानकारी ली जाएगी। पुराने स्टॉक में चाइनीज मांझा छिपा कर रखने वालों पर केस दर्ज किया जाएगा। पैकेजिंग बदलकर बेचने वालों पर भी कार्रवाई तय है।

चाइनीज मांझे की असल समस्या क्या है और यह इतना खतरनाक क्यों?

चाइनीज मांझा सिर्फ एक पतंग की डोर नहीं, बल्कि अत्यंत तीखी, मजबूत और घातक धातु-लेपित नायलॉन की डोर होती है। भारत में कानूनी मांझा सूती धागे पर आधारित होता है, जबकि चाइनीज मांझा नायलॉन, सिंथेटिक फाइबर, ग्लास पाउडर, धातु के महीन टुकड़े से बनाया जाता है। यह गर्दन, हाथ और चेहरे को बेहद आसानी से काट देता है। दोपहिया वाहन सवार इससे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। 2021-2024 के बीच देशभर में चाइनीज मांझे से 200 से ज्यादा मौतें और 500 से अधिक गंभीर चोटें दर्ज हुई थीं। हाई कोर्ट हमेशा से इस सामग्री को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा मानता आया है। अब 2025 में हादसे फिर बढ़ने लगे, इसलिए अदालत को सख्ती दिखाना जरूरी लगा।