इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। देश में एयरपोर्ट की सुरक्षा संभाल रहे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानि CISF ने मुंबई के एक कलाकार को पकड़कर वन विभाग (Forest Department) को सौंप दिया है। एक्टर के बैग से स्क्रीनिंग के दौरान चिंकारा के सींग मिले हैं। वन विभाग ने एक्टर के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
मध्यप्रदेश के उज्जैन में बीते कुछ दिनों से मुंबई का 7 सदस्यीय दल डाक्युमेंट्री मूवी की शूटिंग के सिलसिले में रुका था लेकिन जब ये दल इंदौर से मुंबई उड़ान भरने के लिए एयरपोर्ट पहुंचा तो सीआईएसएफ (CISF) की जांच में एक शख्स फंस गया और बाद में पता चला कि अराइवल के पहले हुई स्क्रीनिंग के दौरान उसके पास चिंकारा के सींग मिले है। जिसके बाद एरोड्रम पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर वन विभाग (Forest Department) को सौंप दिया है। अब वह विभाग युवक को कोर्ट में पेश कर वन्यप्राणी अधिनियम के तहत कार्रवाई करने जा रहा है।
दरअसल, घटना इंदौर एयरपोर्ट की है जहां डाक्यूमेंट्री मूवी का काम कर लौटे 7 लोग मुंबई के लिए उड़ान भरने वाले थे 6 लोग तो फ्लाइट में बैठ चुके थे लेकिन आखिर में एक युवक जिसका नाम कुल्हाड कुंडू निवासी मुंबई बताया जा रहा है वो स्क्रीनिंग (जांच) के दौरान पकड़ा गया। कुणाल नामक युवक के बैग में स्क्रीनिंग के दौरान संदिग्ध वस्तु दिखाई दी। जिसके बाद युवक को सीआईएसएफ (CISF) ने हिरासत में लिया और फिर उसे एरोड्रम पुलिस के हवाले कर दिया। एरोड्रम थाने ने वन विभाग (Forest Department) को इस बात की जानकारी दी तो वन विभाग (Forest Department) की टीम थाने पहुंची और पाया कि चिंकारा के सींग उस व्यक्ति के पास है। दोनो ही सींग जुड़े थे जिसे पोंड ज्वाइंट सींग कहा जाता है।
वन विभाग (Forest Department) के एसडीओ ए. के.श्रीवास्तव की माने तो बगैर किसी अनुमति के किसी भी पशु वस्तु के अवैध परिवहन का मामला होने के चलते सींग को जब्त किया गया और अब वह विभाग गिरफ्तार युवक को कोर्ट में पेश कर परिवाद प्रस्तुत करेगा। कुल्हाड़ पिता नारायण कुंडू को वन विभाग (Forest Department) शिकारी की श्रेणी में नही रख रहा है लेकिन वाइल्ड लाइफ कानून के मुताबिक बिना परमिशन के जंगली जानवरों के अंगों को ले जाने की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
फिलहाल, कुल्हाड के साथी तो मुंबई पहुंच चुके है लेकिन चिंकारा के सिंग पाए जाने के बाद डाक्युमेंट्री मूवी से जुड़े युवक को हवालात की हवा खानी पड़ेगी।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....