जबलपुर, संदीप कुमार : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (MP Highcourt) ने सिविल जज एवम एडीजे की भर्ती को पारदर्शी बनाए जाने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। हाई कोर्ट जस्टिस शील नागू एवम जस्टिस वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ द्वारा दो दिन नियमित सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद तय की गई है।
याचिका कर्ता की मांग है की प्रत्येक चयनित अभ्यर्थी की उत्तर पुस्तिका का सुप्रीमकोर्ट के फैसले के अनुसार सार्वजनिक किया जाना लोक हित में जरूरी है। ताकि भर्ती प्रक्रिया पुरी तरह पारदर्शी हो सके। याचिका में पिछली भर्ती में भेदभाव पूर्ण चयन किए जाने का भी आरोप है।
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हाईकोर्ट द्वारा नियम विरुद्ध प्रक्रिया अपनाकर आरक्षित वर्ग के सैकड़ो पदों को नाट फार सूटेवल के नियम को आधार मानकर रिक्त छोड़ दिए गए है। जिन अभ्यर्थीयों को लिखित परीक्षा में 80% से 95% तक अंक मिले थे उन्हें साक्षात्कार में फेल कर दिया गया है। साक्षात्कार में कुल अंक 50 निर्धारित होते है जिसमे से अभ्यर्थी को पास होने के लिए कम से कम 20 अंक प्रपात करना होता है । उक्त नियम को याचिका में मन माना तथा भेदभाव पूर्ण बताया गया है।