10वीं के छात्र ने टेलीग्राम पर बेचा था MPPSC 2024 का पेपर, यूजीसी नेट का पर्चा भी किया लीक, यूट्यूब से सीखा तरीका

MPPSC 2024 का फर्जी पेपर टेलीग्राम ग्रुप के जरिए बेचे जाने के मामले में 10वीं के एक छात्र को पकड़ा गया है। नाबालिग राजस्थान के झुंझुनू का रहने वाला है।

MPPSC 2024

MPPSC 2024: 22 जून 2024 को एमपीपीएससी 2024 का पेपर सोशल मीडिया पर लीक हो गया था। पेपर लीक की घटना ने सनसनी मचा दी थी। इस पेपर को एमपीपीएससी पेपर लीक 2024 नाम के एक टेलीग्राम ग्रुप पर डाला गया था। अब इस मामले में इंदौर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। यह जानकारी सामने आई है कि इस पेपर को टेलीग्राम ग्रुप पर एक नाबालिक लड़के ने डाला था। स्टूडेंट्स को पेपर उपलब्ध करवाने के लिए उसने 2500 रूपये मांगे थे।

नाबालिग ने बेचा पेपर

जिस नाबालिक युवक ने पेपर लीक किया था, वो दसवीं का छात्र है और राजस्थान के झुंझुनू जिले का रहने वाला है। पेपर उपलब्ध करवाने के एवज में कुछ स्टूडेंट्स ने उसे पैसे भी दे दिए थे। एमपीपीएससी का पेपर लीक करने के बाद यूजीसी नेट का पेपर भी उसने इसी तरह से सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। जानकारी लगने के बाद सीबीआई और आईबी उसका मोबाइल जब्त कर चुकी है।

एग्जाम के पहले पेपर का सौदा

MPPSC पेपर लीक के इस मामले में स्टूडेंट के साथ पेपर का यह सौदा एग्जाम के ठीक 1 दिन पहले किया गया था। 2500 रुपए में पेपर का सौदा हो रहा था। जो पेपर उपलब्ध करवाया गया था, उसमें सारे प्रश्न एमपीपीएससी लेवल के थे और इन पर सेट ए लिखा हुआ था।

छुपा रखी थी पहचान

ग्रुप पर पेपर लीक करने वाले इस नाबालिक ने अपनी पहचान छुपा कर रखी थी। केवल टेलीग्राम आईडी उपलब्ध करवाई गई थी और पेमेंट करने के लिए क्यूआर कोड भेजा गया था। हालांकि, जब पेपर लीक होने की बात आई थी तो एमपीपीएससी के अधिकारियों ने इस बात से साफ इनकार कर दिया था। 23 जून को जब एग्जाम के पेपर से लीक हुआ पेपर मैच किया गया, तो वो फर्जी निकला। इसके बाद इंदौर के संयोगितागंज थाने में एमपीपीएससी के अधिकारियों ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज करवाया था।

यूट्यूब से सीखा तरीका

पेपर लीक के इस मामले में पकड़े गए नाबालिक छात्र के बारे में हैरान कर देने की बात यह है कि उसने यह तरीका यूट्यूब से सीखा है। संयोगितागंज पुलिस को जांच में जो सबूत मिले हैं उसके आधार पर टीम राजस्थान के झुंझुनूं पहुंची। जब पुलिस ने दसवीं में पढ़ने वाले इस छात्रा को पकड़ा तो उसने बताया कि उसने यह सब यूट्यूब के जरिए सिखा है। उसने पेपर लीक के नाम पर टेलीग्राम ग्रुप तैयार किया और क्यूआर कोड के माध्यम से लोगों से पैसे ले लिए। उसने यह भी बताया कि उसने ज्यादा नहीं दो-तीन लोगों से ही पैसे लिए हैं किसी ने 2000 तो किसी ने 500 रुपए दिए हैं। रुपए लेने के बाद वह लोगों को ब्लॉक कर देता था। कोई उस तक ना पहुंच सके इसलिए उसने अपना नंबर भी ब्लॉक कर दिया था।

जब्त किया गया मोबाइल

MPPSC का फर्जी पेपर लीक करने के बाद नाबालिक ने यूजीसी नेट का पेपर भी इसी तरह सोशल मीडिया पर बेचा था। पैसे लेने के बाद उसने लोगों के नंबर ब्लॉक कर दिए थे। जब पुलिस को इस बात की जानकारी लगी तो सीबीआई और आईबी की टीम नाबालिक के घर पहुंची और उसका मोबाइल जब्त कर लिया। मामले में बच्चे को ट्रेस करने के बाद नाबालिग होने के कारण पुलिस ने नियम के मुताबिक कार्रवाई करते हुए नोटिस देकर उसे छोड़ दिया है।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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