अशोकनगर, हितेंद्र बुधौलिया। हाल ही में अशोकनगर में पदस्थ कलेक्टर (Collector) उमा महेश्वरी ने अपने पहले ही निरीक्षण में मानवता (Humanity) की मिसाल पेश की। कलेक्टर बनने के बाद पहली बार जिला अस्पताल का निरीक्षण (Inspection) करने अस्पताल पहुंची कलेक्टर ने एक डेढ़ साल कि बच्ची के लिये रक्तदान कर बड़ा संदेश दिया है। अस्पताल में रक्त की उपलब्धता के बावजूद कलेक्टर को छोटी बच्ची को खून की जरूरत की जानकारी मिली तो वो खुद रक्तदान के लिये आगे आई। यह एक सन्देश था कि अन्य लोग भी रक्तदान को लेकर जागरूक एवं संवेदनशील रहे। कलेक्टर के इस कदम से न सिर्फ उस बच्ची को समय पर खून मिल पाया बल्कि उन्होंने मानव सेवा की मिसाल पेश की।
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यूं तो कलेक्टर अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लेने गई थी। यहां छोटी बड़ी जरूरतों पर उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये। इसी वक्त उन्होंने खुद को रक्तदान के लिये आगे किया। बच्ची की मां सविता बाई ने कलेक्टर से ब्लड की गुहार लगाई और जिले की सबसे बड़े अधिकारी ने तुरंत आगे आकर खुद रक्त देने का फैसला किया।
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गौरतलब है कि सविता की बेटी जिला अस्पताल में उपचाररत है और वे अकेली ही डेढ़ साल की मासूम वैशाली की देखरेख कर रही हैं। सविता के कलेक्टर के सामने व्यथा सुनाई की उनकी बच्ची वैशाली को खून की अत्यंत आवश्यकता है और परिवार में कोई खून देने के लिए उपलब्ध नही हैं। तभी कलेक्टर उमा महेश्वरी ने खुद डॉक्टरों से बात कर रक्त देने का फैसला किया। वैशाली को B पॉजिटिव ब्लड की जरूरत थी। लेकिन ब्लड लेने के लिए एक यूनिट ब्लड देकर खून लिया जाता है। इसे में खुद जिलाधीश ने अपना एक यूनिट खून देकर बच्ची की मां को खून उपलब्ध कराया। इस बारे के जिलाधीश ने बताया कि वे अस्पताल की व्यस्थाओं का जायजा ले रही थी और कमियों को दूर करवाकर एक आदर्श अस्पताल बनवाने का लक्ष्य लेकर आवश्यक निर्देश उनके द्वारा दिये गए। वहीं रक्तदान की बात पर उन्होंने बताया कि ब्लड बैंक में रक्त पर्याप्त उपलब्ध है और बच्ची की बी पॉजिटिव खून की जरूरत थी इस हेतु उन्होंने एक यूनिट खून उपलब्ध करवाकर बच्ची को खून दिलवाया।