सोनकच्छ के कांग्रेस नेता निरंजन सिंह सेंगर हुए भारतीय जनता पार्टी में शामिल

Gaurav Sharma
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देवास, अमिताभ शुक्ला। सोनकच्छ के कांग्रेस नेता और ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक माने जाने वाले निरंजन सिंह सिंगर ने आज देवास विधायक गायत्री राजे पवार के निवास पर अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पहुंचकर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की।  कांग्रेस के नेता निरंजन सिंह सेंगर ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक माने जाते हैं , जो कि देवास जिले के सोनकच्छ में रहते हैं।

आज वो अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ बड़े काफिले को लेकर देवास विधायक गायत्री राजे पवार के निवास स्थान आनंद भवन पैलेस पहुंचे, जहां पर उनका स्वागत देवास विधायक गायत्री राजे पवार , सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी पूर्व,  महापौर सुभाष शर्मा देवास ,  विधायक पुत्र विक्रम सिंह पवार ने भारतीय जनता पार्टी का दुपट्टा पहना कर किया।

इस दौरान सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता भी बीजेपी में शामिल हुए। कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी जिंदाबाद और भारत माता की जय के नारे भी लगाए । निरंजन सिंह सेंगर ने कहा कि उनकी आस्था अब भारतीय जनता पार्टी के साथ है और देवास जिले की नेता गायत्री राजे पवार हैं इसलिए वे अब उनके साथ जुड़कर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में काम करेंगे।

साथ ही देवास विधायक गायत्री राजे पवार में भी उनका स्वागत भारतीय जनता पार्टी में करते हुए कहा  कि निरंजन सिंह आप अब भारतीय जनता पार्टी से जुड़ कर काम करेंगे और अब जिले की पांचों सीट भारतीय जनता पार्टी की झोली में रहेगी और सोनकच्छ की सीट भी जो कि कांग्रेस के पाले में वह भी भारतीय जनता पार्टी के खाते में नजर आएगी।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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