इंदौर,आकाश धोलपुरे। पिछले दो दिनो से इंदौर (indore) में कोविड संक्रमण (corona infection) ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ (records broken) दिए है। दरअसल, दो दिनों में कोरोना के टेस्ट( corona test) किये गए सैम्पल में से 10 प्रतिशत लोग कोरोना पॉजिटिव (corona positive) निकले जो एक बड़ी चिंता का सबव आम लोगों के साथ ही चिकित्सा विभाग के लिए है।
हालांकि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण जड़िया की माने तो इंदौर में अभी भी 50 प्रतिशत बेड रिजर्व है, लिहाजा लोग पैनिक न हो लेकिन बहुत जरूरी हो तो ही घर से बाहर निकले और यदि घर से बाहर निकले भी तो मास्क जरूर पहने और अनावश्यक रूप से अपने मुंह और नाक को न छुए। इसके साथ ही बार बार हाथ धोने को दिनचर्या में शामिल करें।
बता दे कि जहां शनिवार को इंदौर ( indore) में कोरोना (corona) के 546 संक्रमित सामने आए थे, वही रविवार को एक ही दिन में संक्रमण ने नया रिकॉर्ड बनाते हुए 586 नए लोगो को संक्रमित कर दिया है। बीते 2 दिनों में कुल टेस्ट किये सैम्पल में से 10 प्रतिशत मरीज पॉजिटिव आये है जो इंदौर के लिए किसी बड़े खतरे की घण्टी है।
इधर, डॉ.प्रवीण जड़िया ने बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों ( government hospitals) में बेहतर ईलाज हो रहा है और अब तक 90 प्रतिशत मरीज स्वस्थ ( patients recovered) हो चुके है। वही उन्होंने ये भी माना पटाखो से निकलने वाले धुंए के कारण उन लोगो की परेशानी बढ़ी है जिन्हें पहले से ही सांस लेने की तकलीफ है।
रविवार को जहां 586 नए संक्रमित इंदौर में सामने आए है वही दूसरी ओर 119 मरीज ठीक होकर घर लौटे है इसके अलावा 3 लोगो की मौत के बाद अब तक मरने वालों की संख्या 735 तक जा पहुँची है और वर्तमान में 3088 मरीजो का इलाज जारी है। इधर, इंदौर में रविवार को विजय नगर, स्कीम नम्बर 54, सुदामा नगर, सुखलिया, महालक्ष्मी नगर सहित कुल 232 क्षेत्रों से संक्रमण के नए मामले सामने आए है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि कोरोना किसी को भी हो सकता है लिहाजा सभी, नियमो का पालन अवश्य करे और यदि सर्दी, खांसी या बुखार की शिकायत हो तो हर झोन में स्थित फीवर क्लिनिक में जांच कराए जहां निःशुल्क इलाज के साथ कोविड की जांच रिपोर्ट महज 30 मिनिट में मिल रही है।
फिलहाल, इंदौर कोरोना की रडार पर है ऐसे में आप, स्वयं का और आपके अपनो का ध्यान रखे ताकि कोरोना की तीसरी लहर उनका कुछ ना बिगाड़ सके।
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Gaurav Sharma
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इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।