9 दिन में तैयार किया 40 फुट के रावण का पुतला, परिवार के साथ लिया दहन का आनंद

डबरा, अरुण रजक। बुराई पर अच्छाई के प्रति का पर दशहरा यूं तो हर गांव हर शहर में मनाया जाता है लेकिन कुछ लोग या तो भीड़ की वजह से रावण दहन का आनंद नहीं लेने जा पाते और या फिर घर से पुतला दहन की जगह की दूरी अधिक होने की वजह से लोग वहां नहीं पहुंच पाते। ऐसे में या तो वह सोशल मीडिया पर लाइव पुतला दहन देख कर अपना मनोरंजन करते हैं या फिर मन मार कर घर पर बैठे रहते हैं।

लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इन समस्याओं को अपने आड़े नहीं आने देते हैं और मेहनत करके खुद रावण का पुतला बनाकर उसका दहन कर भरपूर मनोरंजन करते हैं। ऐसा ही एक वाकया सामने आया है ग्वालियर जिले की डबरा तहसील में जहां पर कुछ लोगों ने मिलकर गंगा वेयरहाउस नामक स्थान पर 9 दिन लगातार मेहनत कर 40 फुट का रावण तैयार किया।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।