डबरा, डेस्क रिपोर्ट। सहारा के सुप्रीमो सुब्रत रॉय (Sahara Chief Subrata Roy) के खिलाफ ग्वालियर जिले के डबरा में आत्महत्या के लिए प्रेरित करने (abetment to suicide) का मामला दर्ज किया गया है। दरअसल पिछले वर्ष फरवरी महीने में सहारा के एजेंट भूपेंद्र जैन (bhupendra jain) ने रेल से कटकर आत्महत्या कर ली थी और छोड़े गए सुसाइड नोट में अपनी मौत के लिए सिर्फ और सिर्फ सहारा कंपनी को जिम्मेदार ठहराया था।
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आखिरकार एक पीड़िता को न्याय मिल ही गया। लगभग डेढ़ साल के इंतजार के बाद डबरा के भूपेंद्र जैन आत्महत्या मामले में सहारा के सर्वेसर्वा सुब्रत रॉय के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज हो गया। उनपर धोखाधड़ी करने का भी आरोप लगाया गया है और इस मामले में भी धारा लगाई गई है। दरअसल डबरा के सुभाष गंज में रहने वाले भूपेंद्र जैन पिछले 20 वर्ष से सहारा कंपनी के एजेंट थे और कंपनी की विभिन्न स्कीमों में निवेशकों का पैसा निवेश कराया करते थे। लेकिन परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद भी कंपनी ने कई निवेशकों का पैसा वापस नहीं किया और उच्चाधिकारियों से कहने के बाद भी कंपनी ने एक न सुनी। उधर निवेशक भूपेंद्र जैन और उनके परिजनों को लगातार परेशान कर रहे थे और पैसा वापस ना लौटाने पर जान से मारने तक की धमकी दे रहे थे। इससे तंग आकर भूपेंद्र जैन ने 5 फरवरी 2021 को डबरा के पास रेल से कटकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को उनके मृतक शरीर के पास एक सुसाइड नोट मिला जिसमें उन्होंने अपनी आत्महत्या के लिए सहारा इंडिया कंपनी को जिम्मेदार ठहराया था। डबरा की पुलिस ने आत्महत्या के लिए दो लोगों पर मामला तो दर्ज किया लेकिन सुब्रत रॉय पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने इस मामले की विवेचना क्राइम ब्रांच ग्वालियर को सौंपी जिसने विधिक राय ली और उसके बाद एसपी के हस्तक्षेप से इस मामले में सुब्रत रॉय के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया।
क्या लिखा था भूपेन्द्र जैन के सुसाइड नोट में
भूपेंद्र जैन द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में लिखा है कि सहारा इंडिया के कारण आए दिन उनको निवेशक परेशान करते हैं जिनकी गाढ़ी कमाई उन्होने भूपेन्द्र जैन के माध्यम से सहारा मे निवेश कराई थी। लेकिन अब उसका कंपनी भुगतान नहीं कर रही है। निवेशक भुगतान के लिए दबाव डालते हैं और कंपनी है कि कोर्ट के निर्णय के बाद भी भुगतान नहीं कर रही। भूपेंद्र जैन अपने पीछे पत्नी और एक बेटा व बेटी छोड़ गए हैं। भूपेंद्र जैन ने इस पत्र में अपने सभी परिजनों को संबोधित किया है और बताया है कि किस तरह से सहारा कंपनी उनको भुगतान नहीं कर रही है और भुगतान के लिए लंबा चौड़ा कमीशन भी मांग रही है। भूपेंद्र जैन का यह भी कहना था कि यदि सहारा समय पर पेमेंट कर देती उनके ऊपर कोई कर्जा नहीं होता। आत्महत्या की जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ सहारा है।
क्या है IPC की धारा 306 जिसके तहत सुब्रत रॉय पर मामला दर्ज हुआ है
भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है, और जो भी इस तरह की आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करता/उकसाता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
लागू अपराध
आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करना / उकसाना
सजा – 10 वर्ष कारावास + आर्थिक दंड
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।