Dabra News : चुनावी वादे गर्त में–स्ट्रेचर पर विकास, धरने पर पार्षद–शहर का सत्यानाश

Amit Sengar
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Dabra News : डबरा नगरपालिका की बैठक आज हंगामे की भेंट चढ़ गई। पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ। जिसका खामियाजा नगर वासियों को भुगत ना पढ़ रहा है ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि जनप्रतिनिधि अपने इस तरह के व्यवहार से भोली-भाली जनता के साथ अन्याय ही कर रहे हैं क्योंकि नगर पालिका परिषद की इन बैठकों में जनता के हितों से जुड़े हुए कई मुद्दों पर चर्चा और फैसले लिए जाते हैं लेकिन जब नगरपालिका परिषद की बैठक होती हैं तब ऐसे हंगामे अक्सर देखने को मिलते हैं जिनसे बहुत से विकास कार्यो पर अड़चन आती है क्योंकि अगर जनप्रतिनिधि ही विकास कार्यों को लेकर सजग और जिम्मेदार नहीं रहेंगे तो भोली भाली मासूम जनता किससे अपनी परेशानियां कहेगी।

आपको बता दें कि डबरा नगर पालिका में जैसे तैसे एक बार फिर नगर पालिका परिषद की बैठक रखी गई जिसमें विकास कार्य के मुद्दों पर पक्ष विपक्ष और बीजेपी के पार्षदों में जमकर बहस होते दिखी जिसमें लगभग आधा दर्जन पार्षद मीटिंग के दौरान परिषद भवन में ही धरने पर बैठ गए जिसमें कुछ महिला पार्षद भी शामिल रही इसमें जनहित से जुड़े कई मुद्दों पर बहस हुई साथ ही राजस्व वसूली, नामांतरण संबंधित मुद्दे, और सफाई कार्य को लेकर और भी अन्य मुद्दों पर पक्ष विपक्ष के पार्षदों के बीच आपस में हंगामा हुआ बड़ी बात यह रही की डबरा नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी देवी की मौजूदगी रहते भी यह हंगामा निरंतर काफी समय तक चलता रहा जिस पर अध्यक्ष भी मोहित दिखाई दे रहीं थी।

डबरा नगर पालिका परिषद की पहले भी कई बार मीटिंग रखी गई जिसमें ऐसे ही बात विवाद और हंगामे पहले भी देखने को मिल चुके हैं आखिरकार इस तरह के हंगामे और धरना प्रदर्शन से भोली-भाली जनता को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है क्योंकि बहुत से ऐसे जनहित के मुद्दे हैं जिन पर इस तरह के हंगामे से कोई उचित निर्णय नहीं हो पाता जिसके कारण जनहित के कार्य अधूरे रह जाते हैं और डबरा नगर के विकास में रुकावटें आ रही हैं।

इस बैठक में डबरा नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी देवी, डबरा नगरपालिका उपाध्यक्ष सत्येंद्र दुबे, डबरा नगर पालिका सीएमओ प्रदीप भदौरिया, सहित सभी वार्डों के पार्षद गण उपस्थित रहे।
डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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