Dabra News : बाल संरक्षण आयोग के छापे के बाद एसडीएम ने सेंट पीटर स्कूल पर की बड़ी कार्रवाई, स्कूल सील

Amit Sengar
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Dabra Raid News : ग्वालियर जिले की डबरा तहसील के सिमरिया पर बने सेंट पीटर स्कूल में सोमवार की सुबह भोपाल से बाल आयोग की सात सदस्य टीम पहुंची। यहां टीम ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान धर्म प्रचारक और धर्म परिवर्तन के साथ-साथ आपत्तिजनक बरामद हुई जिसमें बड़ी मात्रा में लाइब्रेरी से धर्म विशेष के प्रचार-प्रसार की सामग्री भी बाल संरक्षण आयोग की टीम द्वारा बरामद की गई जांच में बड़ी बात यह सामने निकल कर आई कि स्कूल में खुद प्रिंसिपल का कोई पुलिस वेरिफिकेशन नहीं पाया गया। जिसको लेकर आयोग के सदस्यों ने नाराजगी व्यक्त की। देर रात तक यह कार्रवाई चली गई इसके साथ ही कोई मान्यता प्राप्त दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं करा पाया। इस कारण एसडीएम के निर्देश पर स्कूल को सील कर दिया गया है।

यह है कार्रवाई

बता दें कि इस स्कूल के प्राचार्य पर पहले धारा 376 का मुकदमा चल चुका है साथ ही स्कूल के अन्य स्टाफ का भी कोई पुलिस वेरिफिकेशन नहीं है और तो और तो और स्कूल की मान्यता भी नहीं है। साथ ही प्राचार्य की जो क्वालिफिकेशन होनी चाहिए वह भी नहीं थी। यह पूरी कार्रवाई लगभग 8 घंटे तक चली जिसमें डबरा एसडीएम सहित नायब तहसीलदार पिछोर भी पहुंचे और मामले की जांच पड़ताल करते हुए स्कूल को लगभग रात 8:30 बजे सील दिया गया। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस स्कूल की मान्यता 2017 से रद्द कर दी गई फिर भी यह स्कूल फर्जी तरीके से चलाया जा रहा था और स्कूल में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। इस संबंध में बीआरसी ऑफिस से जिला शिक्षा अधिकारियों को भी कई बार लेटर देकर अवगत कराया गया था कि स्कूल की मान्यता नहीं है। लेकिन सवाल यह उठता है कि अब तक जिला शिक्षा अधिकारी इस मामले पर क्यों मोन रहे आखिरकार जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कभी स्कूल का औचक निरीक्षण स्कूल में चल रहे फर्जी बाड़े की जानकारी क्यों नहीं पता लगाई गई।

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इस कार्रवाई के दौरान जब स्कूल का डायवर्सन एसडीएम व नायब तहसीलदार ने चेक किया तब पाया गया कि यह कृषि भूमि है। जब बाल संरक्षण आयोग की टीम ने लाइब्रेरी का निरीक्षण किया तो वहां पाया गया कि एक ही धर्म की पुस्तक मौजूद है। जिसके बाद आयोग ने इस पर आपत्ति जताई और उन्होंने आगे पूछा कि आप के द्वारा अब तक आरटीई में एडमिशन लेना शुरू क्यों नहीं किए गए है।

इस पूरे मामले को लेकर बाल संरक्षण आयोग टीम की सदस्य डॉ निवेदिता शर्मा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान स्कूल में बड़ी मात्रा में धर्म से संबंधित प्रचार-प्रसार की सामग्री बरामद की गई है साथ ही स्कूल के प्रिंसिपल का ना ही कोई पुलिस वेरिफिकेशन है और ना ही स्कूल की मान्यता बिना मान्यता के यह स्कूल संचालित किया जा रहा था जिसको लेकर आज बाल संरक्षण अधिकार आयोग की टीम द्वारा कार्रवाई कर स्कूल को सील किया गया है। इस पूरी कार्रवाई में बाल अधिकार संरक्षण की सदस्य डॉ निवेदिता शर्मा, ओंमकार सिंह, डॉ संदीपा मल्होत्रा, सुमंत शर्मा, ज्योति गर्ग, सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

प्रिंसिपल ने स्वीकारी गलती

साथ ही स्कूल के प्रिंसिपल ने भी अपनी स्वयं की और स्कूल की गलतियां स्वीकार कर कहा कि पहले उन पर धारा 376 का मुकदमा चल चुका है और स्कूल में जो धर्म के प्रचार प्रसार से संबंधित सामग्री बरामद की गई है वह उनके स्वयं के लिए रखी गई थी और क्वालिफिकेशन को लेकर उन्होंने बताया सिर्फ उन्होंने b.ed किया हुआ है साथ ही उन्होंने सारी गलतियां स्वीकार कर कहा कि आगे स्कूल की मान्यता ले ली जाएगी।

मुरैना स्कूल में मिली आपत्तिजनक सामग्री

गौरतलब है कि शनिवार को बाल संरक्षण आयोग की मुरैना के सेंट मैरी स्कूल के फादर के कमरे से शराब की बोतलें समेत बेहद आपत्तिजनक चीजें मिलीं। जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने कार्रवाई करते हुए स्कूल को सील कर दिया है।

डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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