Dabra News : मध्य प्रदेश के कई जिलों में खाद को लेकर जमकर मारामारी चल रही है ऐसे में किसान अपनी फसल बोवनी के लिए खाद की अति आवश्यकता पड़ रही है इस समय किसान हर कीमत पर और हर जगह से खाद लेने को तैयार है इसी मौके का फायदा उठाकर कुछ खाद कारोबारी बड़े धड़ल्ले से खाद की कालाबाजारी करने में लगे हुए हैं इतना ही नहीं डबरा में कहीं ना कहीं नकली खाद भी बेचा जा रहा है जिसका जीता जागता मामला बीते रोज देखने मिला है। जब किसान की सतर्कता और समझदारी के चलते प्रशासन द्वारा नकली खाद पकड़ाया गया जिसमें से प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कुछ खाद के कट्टे भी बरामद कर लिए गए।
हरनाम बघेल निवासी ग्राम भरतरी ने बताया कि वह अपनी जमीन के लिए खाद लेने डबरा आए थे उन्होंने ग्राम पठा के व्यक्ति से खाद की 24 बोरियां खरीदी है जो कि 1700 रुपए प्रति बोरी के हिसाब से मिली हैं इसके बाद उन्हें कृषि विस्तारक अधिकारी विशाल यादव के द्वारा बताया गया कि यह खाद नकली है किसान ने बताया कि उनकी जमीन की बोवनी होनी है और उन्हें खाद की अति आवश्यकता है इसलिए उन्हें पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रहा था जिसके चलते उन्होंने गांव के ही एक व्यक्ति से खाद खरीदा है वहीं किसान ने कहा की जब उन्होंने कृषि विस्तारक अधिकारी से खाद देने के लिए कहा तो अधिकारी द्वारा बताया गया कि उन्हें खाद मिल जाएगा जो कि रुपए 1500 प्रति बोरी के हिसाब से दिया जाएगा अब आखिरकार वह कौन सी कंपनी का खाद है जिसकी रेट ₹1500 है।
जांच के लिए भेजे सैंपल
वहीं इस मामले में डबरा कृषि विस्तारक अधिकारी विशाल यादव ने बताया कि एक किसान ने किसी व्यक्ति से खाद खरीद है जो कि देखने में पूरी तरह नकली लग रहा है जिसके सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं और पता लगाया जा रहा है कि यह खाद आखिर आया तो आया कहां से फिलहाल इस मामले पर किसान और बेचने वाले व्यक्ति से पूछताछ जारी है और जांच के बाद ही पूरा मामला सामने आएगा।
अन्नदाता के साथ हो रही है धोखाधड़ी
खाद की कमी के चलते इन दिनों खाद की दलाली कर रहे दलाल अन्नदाता के साथ धोखाधड़ी करने से भी नहीं चूक रहे किसानों को गुमराह कर उन्हें नकली खाद निर्धारित मूल्य से अधिक दाम पर बेचा जा रहा है आखिरकार क्षेत्र में इतने बड़े नकली खाद का कारोबार करने वाले गिरोह कैसे सक्रिय हैं क्या प्रशासन को इस बात की कोई खबर नहीं है और अगर प्रशासन को इस बात का पता नहीं है तो आखिरकार कहीं ना कहीं क्षेत्र में प्रशासन की मॉनिटरिंग पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं क्या प्रशासनिक अधिकारी क्षेत्र में समय-समय पर मॉनिटरिंग नहीं करते और अगर करते हैं तो क्षेत्र में इस तरह का खाद का काला कारोबार कैसे चल रहा है।
जांच के नाम पर संबंधित अधिकारी कर रहे हैं खानापूर्ति
आपको बता दें कि इस मामले को आज दो दिन होने जा रहे हैं लेकिन अब तक मामले का खुलासा नहीं हो सका है ना हीं जहां से यह खाद किसानों के पास पहुंचा है उस जगाह और उस व्यक्ति का संबंधित अधिकारियों द्वारा अब तक पता लगाया जा सका है ऐसे में साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन की कार्य शैली कितनी ढीली और लेट लतीफ है आखिर अधिकारी इस पर कार्रवाई करने में क्यों विलंब कर रहे हैं। जिस से कहीं ना कहीं संबंधित अधिकारियों पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इतना ही नहीं जब इस मामले की जानकारी लेने के लिए हमारे संवाददाता ने संबंधित अधिकारियों को दूरभाष पर संपर्क किया तो उन्होंने फोन तक उठाना उचित नहीं समझा।
डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट