MP किसान सभा जिला समिति व आदिवासी महासभा द्वारा विभिन्ना मांगों को लेकर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

Amit Sengar
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Dabra News : मध्य प्रदेश किसान सभा जिला समिति और आदिवासी महासभा द्वारा आज डबरा तहसील परिसर में धरना दिया गया है जिसमें आदिवासी समुदाय के लोगों को शासन के द्वारा सुविधाऐं दी जा रही है मगर वह उन तक नहीं पहुंच पाती है ऐसी ही कई समस्याओं को लेकर आज दीमक की दफाई क्रमांक 5,6,7,8, और सुनवाई गांव पठा और पनिहार के आदिवासी समुदाय के लोगों ने अपनी कुछ मांगों को लेकर किसान महासभा जिला समिति के बैनर तले डबरा एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है।

यह है मामला

मध्यप्रदेश किसान महासभा अध्यक्ष मोहन पालिया ने बताया की विद्युत विभाग गरीब परिवारों से मनमानी तरीके से बिजली बिल बसूलता है जिससे गरीब परिवार विद्युत विभाग से परेशान हैं उन्होंने डबरा एसडीएम से गरीब ग्रामीणों को हो रही परेशानियों का समाधान करने की गुहार लगाई।

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मध्यप्रदेश किसान महासभा के प्रदेश सचिव अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश सरकार की विकास यात्रा पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार जो विकास यात्रा निकाल रही है उन विकास यात्राओं की मूलभूत तस्वीरें साफ दिखाई दे रही हैं उन्होंने कहा की मत के पास जो दफाइयां बनी हुई है उन दफाइयों में आदिवासियों के पास मूलभूत सुविधाएं तक नहीं है ना ही उनके पास कोई सटीक रोजगार है और ना ही उनके रहने के लिए आवास की सुविधाएं सरकार के झूठे वादे साफ दिखाई दे रहे हैं उन्होंने कहा सरकार गरीबों से तो सिर्फ वादे करती है लेकिन अगर कोई पूंजीपति चाहे तो उसे सरकारी जमीनों पर मालिकाना हक दिला दिया जाता है लेकिन कोई गरीब आदिवासी जो कि 100,50 सालों से जमीनों को जोत रहे हैं और रह रहे हैं उन्हें कोई पट्टा या मालिकाना हक नहीं दिया गया है।

सरकार द्वारा मुहैया नहीं कराई जा रही है मूलभूत सुविधाएं

उन्होंने कहा कि जिस तरह से डबरा में गन्ना मिल और बस स्टैंड को भेज दिया गया उसी प्रकार आदिवासियों की दवाइयों पर भी लोगों की नजरें टिकी हुई है उन्होंने चेतावनी देते हुए साफ शब्दों में कहा कि अगर आदिवासियों की जमीनों और दवाइयों पर कोई भी नजर डालेगा उसका डटकर मुकाबला किया जाएगा लेकिन जमीन को नहीं छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बड़े बड़े पूंजीपतियों के 1000000 करोड़ से ज्यादा ऋण माफ किए गए लेकिन आदिवासियों के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत जो ऋण माफी मिलनी चाहिए वह सरकार द्वारा नहीं दी जा रही साथ ही उन्होंने गरीब ग्रामीण परिवार जोकि कई सालों से शासकीय भूमि पर खेती कर रहे हैं उनके लिए कृषि भूमि के पट्टे और मालिकाना हक की मांग भी की।

यह है मुख्य मांग

>> कई आदिवासी क्षेत्रों में आदिवासी परिवारों और पात्र गरीब ग्रामीण परिवारों के कृषि भूमि के पट्टे और मालिकाना हक दिलाया जाए।
>> किसानों को उनकी सम्मान निधि दिलवाई जाए।
>> प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दफाइयों पर आदिवासी समुदाय के लोगों के लिए आवास उपलब्ध कराए जाएं।
>> आदिवासी परिवारों के लिए बीपीएल कार्ड उपलब्ध कराए जाएं।
>> आदिवासी परिवारों के लिए राशन पर्ची दिलाई जाए।
>> आदिवासियों की बस्तियों में दफाइयों पर जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कैंप लगाए जाएं।
>> गरीब ग्रामीणों के लिए विद्युत विभाग से सरकार द्वारा दी जा रही छूट पर बिलों में माफी दी जाए।
>> पात्र हितग्राही परिवारों को राशन दिलाया जाए। और भी ऐसी ही कई मांगे उन्होंने डबरा एसडीएम के सामने ज्ञापन देकर सामने रखीं।
डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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