Dabra News : मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। और वहीं सभी दल जनता को अपनी ओर आकर्षण करने का प्रयास कर रहे हैं। और रविवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बार फिर डबरा के किसान भाइयों को किसानों के हक और अधिकारों के बारे में जागरूक करते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए नज़र आ रहे है उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों का शोषण करती है किसानों की जमीनों को हथियाने के पूरे प्रयास कर रही है। आगे टिकैत ने प्रधानमंत्री मोदी के विदेश दौरे को लेकर कहा कि विदेश में जिन प्रस्तावों को लेकर सहमति बनी है वह सिर्फ किसानों का अहित करने के लिए ही है उन्होंने कहा जिस देश का राजा तानाशाह हो उस देश की प्रजा को जुल्मों सितम झेलने ही पड़ते हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को चुनाव से पहले एक और बड़े आंदोलन की खुले शब्दों में चेतावनी दी है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंडी में कच्ची पर्ची और किसानों के साथ व्यापारियों के द्वारा हो रही अनैतिक लूट को लेकर किसान को जागरूक कर चुके है मगर अब इस तरह की लूट व्यापारी और सरकार द्वारा की जाएगी तो किसान अपने हक की लड़ाई खुद लड़ेंगे। भाजपा सरकार से एमएसबी गारंटी कानून पास करने की बात कहते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी ने यह कानून पास नहीं किया तो भारतीय किसान यूनियन टिकैत अपनी पूरी ताकत के साथ आंदोलन करेंगे।
राकेश टिकैत ने मीडिया पर कसा तंज
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता टिकैत ने मीडिया पर तंज कसते हुए कहा कि अबकी बार देश में एक और पार्टी बनेगी जिस का नाम होगा निष्फल मीडिया उन्होंने मीडिया को कहीं ना कहीं असफल बताया है इसका मतलब साफ तौर पर यह है कि अगर किसी लीडर को भारत के चौथे स्तंभ मीडिया या प्रेस पर भी भरोसा नहीं है तो वह किसानों के हित में क्या कार्य करेंगे।
इधर चुनाव नजदीक आने को है और ऐसे में सभी दल और पार्टियों का माहौल गर्मा रहा है साथ ही सभी अपनी अपनी अच्छाइयां गिनाते नजर आ रहे हैं लेकिन ऐसे में जनता के ऊपर है कि वह अपना अच्छा और बुरा समझ सके क्योंकि चुनाव आते ही सभी अपनी अच्छाइयां बताते हैं और चुनाव के बाद में जनता को उनकी बुराइयां देखने को मिलती है। ऐसे में किसान यूनियन के इस विरोध और आंदोलन का आने वाले चुनाव पर क्या प्रभाव पड़ता है यह तो समय ही बताएगा।
डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट