पंद्रह वर्षीय बालक की कुल्हाड़ी मारकर हत्या, नहर किनारे पड़ा मिला शव

Manisha Kumari Pandey
Published on -

डबरा, सलिल श्रीवास्तव। भितरवार थाना क्षेत्र के सुखना खिरिया गांव से एक दुखद घटना की खबर सामने आयी । शनिवार यानि आज एक 15 वर्षीय बालक की कुल्हाड़ी से वार  कर निर्मम हत्या कर दी गई।  हत्या का आरोप गांव के ही युवक पर है, अब तक  हत्या किन कारणों के चलते हुई इसका पता नहीं चला है । फिलहाल , पुलिस मामले की जांच  में जुट गई है।

पंद्रह वर्षीय बालक की कुल्हाड़ी मारकर हत्या, नहर किनारे पड़ा मिला शव
खेत में मिली लाश

यह भी पढ़े … बारात लेकर दुल्हन लेने निकले दूल्हे की रोड एक्सीडेंट में मौत

आपको बता दें कि भितरवार क्षेत्र के ग्राम सुखना खिरिया में रहने वाला 15 वर्षीय बालक हरमन बघेल आज गांव में  ही रहने वाले जगन्नाथ बघेल के साथ बकरी चराने नहर के पास गया था । जब वह नहीं लौटा तो परिजनों ने ढूँढना शुरू किया , तब  किसी ने सूचना दी कि हरमन का शव नहर किनारे पड़ा हुआ है । परिजन मौके पर पहुंचे तो देखा कि गले पर कुल्हाड़ी से वार कर उसकी हत्या कर दी गई थी ।

घटना की सूचना तत्काल भितरवार पुलिस को दी गई तो, थाना प्रभारी राजकुमारी परमार मौके पर पहुंच गई।  परिजनों का आरोप है की हरमन की हत्या जगन्नाथ बघेल ने की है,।  ऐसा बताया जा रहा है कि 10 दिन पूर्व हरमन के पिता की बकरी चोरी हुई थी , जिस मामले की भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी । उसमें भी जगन्नाथ पर परिजनों को सक था।  फ़िलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है । तो वहीं जगन्नाथ अभी फरार है,  पुलिस उसकी गिरफ़्तारी के प्रयास में जुट गई है।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News