नहीं थम रहा रेत का अवैध उत्खनन, दबंग खुलेआम धमकी भरे वीडियो कर रहे वायरल, प्रशासन मौन

Atul Saxena
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Illegal mining of sand in Dabra : सरकार के प्रतिबंध और सख्ती के बावजूद रेत का अवैध उत्खनन और काला कारोबार जारी है, आपराधिक रिकॉर्ड वाले दबंग बेख़ौफ़ नदियों का सीना चीरकर रेत निकाल रहे हैं।  डबरा में भी ये काला कारोबार जारी है, ग्रामीण परेशान हैं, वे प्रशासन से लेकर पुलिस तक कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई नतीजा नहीं है। हालात अब ये हो गए हैं कि दबंग धमकी भरे वीडियो बनाकर वायरल कर रहे हैं। इतना सब होने के बाद भी प्रशासन चुप है जिसके चलते उसपर भी सवाल उठ रहे हैं।

जनपद सदस्य के बेटे ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन  

ग्वालियर जिले के डबरा क्षेत्र में रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है, पिछोर थाना क्षेत्र के गजापुर घाट में दबंग खुलेआम अवैध खदान चला रहे हैं लेकिन प्रशासन आँखें बंद किये बैठा है। ग्रामीण परेशान हैं, वर्तमान जनपद सदस्य के बेटे प्रीतम सिंह ने आज अपने कुछ साथियों के साथ डबरा एसडीएम को अवैध खनन के खिलाफ एक शिकायती आवेदन दिया है और कार्यवाही की मांग की है।

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धमकी भरे वीडियो वायरल कर रहे दबंग 

प्रीतम सिंह ने बताया कि गजापुर घाट पर कोई स्वीकृत रेत खदान नहीं है फिर भी दबंग यहाँ से अवैध उत्खनन कर रेत निकाल रहे हैं, पिछोर पुलिस और डबरा प्रशासन सुनता नहीं हैं, अब तो दबंग धमकी भरे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं जिसमें वे गालियाँ देते हुए धमकी दे रहे हैं कि कोई गजापुर की तरफ आ नहीं जाना।

पुलिस और प्रशासन पर मिलीभगत के आरोप  

जनपद सदस्य के बेटे प्रीतम सिंह ने कहा कि अवैध खदान को लेकर हमारे गाँव में पहले भी विवाद हो चुका है फिर से विवाद की स्थिति बन सकती है, जो लोग अवैध खदान चला रहे हैं उनके खिलाफ 307 का प्रकरण भी है फिर भी पिछोर पुलिस चुप है, प्रीतम ने कहा कि गजापुर घाट की कोई रॉयल्टी नहीं है, ठेकेदारों द्वारा किसी अन्य जगह की रॉयल्टी पर गजापुर घाट से रेत का उत्खनन कराया जा रहा है। उन्होंने पुलिस प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन भी रेत के काले कारोबार में अपराधियों का साथ दे रही है।

डबरा क्षेत्र में रेत का काला कारोबार रोक के बावजूद फल फूल रहा है, यहाँ सिर्फ दिखाने के लिए प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाती हैं लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि रेत के इस काले कारोबार में कहीं ना कहीं प्रशासनिक अधिकारियों की भी मिलीभगत संभव है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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