डबरा, सलिल श्रीवास्तव। पॉवर इंजीनियर एवं एम्पलाइज एसोसिएशन के बैनर तले युवा विद्युत कर्मियों के साथ हो रहे भेदभाव के खिलाफ विद्युत कर्मियों द्वारा आज कैंडल मार्च निकाला गया और संविधान के नियमों के तहत समानता के अधिकार की मांग की।उनका कैंडल मार्च विद्युत मंडल के डीजीएम कार्यालय से निकला और मुख्य मार्ग पर जाकर समाप्त हुआ।
इस दौरान विद्युत कर्मियों ने जमकर नारेबाजी की और साफ तौर पर कहा कि हम 1 फरवरी से लगातार आंदोलनरत हैं पर हमारी मांग अभी तक नहीं मानी गई है। कल 23 फरवरी को एक दिवसीय कार्य का बहिष्कार भी किया जाएगा और साथ ही 72 घंटे का नोटिस दिया जाएगा। उसके बाद मांगे न माने जाने पर अनिश्चितकालीन काम बंद किया जाएगा।अधिकारियों का कहना है कि हम पंद्रह सूत्रीय माँगो को लेकर प्रदर्शन कर रहे है। जिसमें मुख्य रूप से कंपनी द्वारा नियुक्त अधिकारियों कर्मचारियों को प्रशिक्षण अवधि में वेतन वृद्धि की जाए। कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ मिले।
Read More: नागपुर से छिंदवाड़ा के बीच ब्राडगेज दौड़ी ट्रेन, बीजेपी और कांग्रेस में श्रेय लेने की होड़
कंपनी कर्मियों को विद्युत देयक में 50 परसेंट की छूट दी जाए,इंश्योरेंस पॉलिसी,राजस्व वसूली के लिए एक अतिरिक्त तहसीलदार की प्रत्येक व्रत में पदस्थापना की जाए साथ ही ग्रेच्युटी एक्ट का विकल्प चुनने का अधिकार प्रदान किया जाये,तकनीकी कार्यों हेतु प्राधिकृत कर्मचारियों की भर्ती की जाए सहित कई मांगे हैं। अधिकारियों का साफ तौर पर कहना है कि यदि निजी करण हुआ तो बिजली की कीमतों में इजाफा होगा जिसका बोझ आम जनता पर पड़ेगा कैंडल मार्च में डीई एस.पी सिंघारिया,एई आसिफ इकबाल,एई पीयूष दिलोदरे,नितीश सिंह कमलेश बेरवाल,आदित्य यादव,रामबालक आदिवासी,वीरेंद्र धुर्वे,एच.सी लख़ोरे सहित सैकड़ों विद्युत कर्मी शामिल रहे।
इनका कहना है-
अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर हम 1 फ़रवरी से शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया है। अगर शीघ्र ही मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो समस्त कर्मचारी शांतिपूर्ण ढंग से अपने कार्य से विमुक्त होकर आंदोलन करेंगे।
-एसपी सिंघारिया, डीई, विद्युत वितरण कंपनी डबरा शहर