लोन रिकवरी करने गई टीम के साथ लोगों ने की मारपीट, तीन कर्मचारी हुए घायल

बरा सिविल अस्पताल मेडिकल के लिए भेजा गया मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद पुलिस आरोपियों पर मामला दर्ज कर कार्रवाई करेगी।

Amit Sengar
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Dabra News : मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले की डबरा तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम चौमो में भारतीय स्टेट बैंक की तरफ से हार्वेस्टर की रिकवरी करने गए कर्मचारियों से कुछ लोगों ने जमकर मारपीट कर दी और उनके पैसे और मोबाइल भी छीन लिए जिसमें तीन लोग घायल हुए हैं घायलों को उपचार के लिए डबरा सिविल अस्पताल लाया गया जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया जिसमें दो लोगों को गंभीर चोट आने के कारण ग्वालियर रेफर कर दिया है।

क्या हैं पूरा मामला

घायल दिनेश कुमार पाठक ने बताया कि ग्राम करैया की एसबीआई बैंक से ग्राम चौमो के सरदार ने हार्वेस्टर फाइनेंस कराई थी जिसकी तीन किस्त अदा करने के बाद हार्वेस्टर की किस्त जमा करना बंद कर दी गई। इसके बाद बैंक द्वारा ग्राम चौमो में सरदार के डेरा पर जब टीम रिकवरी करने पहुंची तो वहां मौजूद सरदार और उसके घर की महिलाओंं ने रिकवरी टीम पर जानलेवा हमला कर दिया। जिसमें दिनेश पाठक उम्र लगभग 50 वर्ष, जयंत पाठक पुत्र दिनेश पाठक उम्र 33 वर्ष निवासी कोटेश्वर कॉलोनी ग्वालियर और बृजेश शर्मा पुत्र राधा कृष्ण शर्मा उम्र 28 वर्ष निवासी ग्राम इटमा को गंभीर चोटें आईं हैं।

आपको बता दें कि टीम के साथ पुलिस लाइन का जो 1/4 का गार्ड गया हुआ था उसके साथ भी लोगों ने मारपीट की जिसमें एक गार्ड की बंदूक की मैगजीन भी टूट गई और कुछ पुलिसकर्मियों को भी इसमें चोटें आईं हैं जिसमें बृजेश शर्मा और जयंत पाठक को डबरा सिविल अस्पताल में प्राथमिक उपचार देकर ग्वालियर रैफर कर दिया गया।

वहीं इस मामले में देहात थाना प्रभारी अनुराग प्रकाश ने बताया बैंक द्वारा भेजी गई रिकवरी टीम पर ग्राम चौमो में कुछ सरदारों ने हमला कर दिया जिसमें टीम के कुछ कर्मचारीयों को गंभीर चोटें आई है जिनको डबरा सिविल अस्पताल मेडिकल के लिए भेजा गया मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद पुलिस आरोपियों पर मामला दर्ज कर कार्रवाई करेगी।
डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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