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Sat, Dec 6, 2025

दमोह की राजनीति गरम, BJP पार्षद के अचानक इस्तीफे पर कांग्रेस का वार, खरीद–फरोख्त जारी

Reported by:Dinesh Agarwal|Edited by:Bhawna Choubey
दमोह में एक BJP पार्षद के इस्तीफे और दो कांग्रेस पार्षदों के अचानक दलबदल ने राजनीति को गर्मा दिया है। कांग्रेस ने BJP पर खरीद फरोख्त के आरोप लगाए, जबकि स्थानीय स्तर पर बढ़ती खींचतान ने नया सियासी सवाल खड़ा कर दिया है।
दमोह की राजनीति गरम, BJP पार्षद के अचानक इस्तीफे पर कांग्रेस का वार, खरीद–फरोख्त जारी

दमोह में इन दिनों चुनावी मौसम भले न हो, लेकिन राजनीतिक तापमान किसी चुनावी जंग से कम नहीं दिख रहा। स्थानीय निकाय राजनीति में अचानक हुए दलबदल, इस्तीफे और आरोपों ने जिले से लेकर भोपाल तक सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। लोग समझ नहीं पा रहे कि आखिर ऐसा समय क्यों चुना गया, जब न चुनाव हैं न टिकट की दौड़ फिर भी नेताओं के फैसलों ने माहौल गर्म कर दिया है।

सबसे पहले BJP पार्षद और नगर पालिका में नेता प्रतिपक्ष विक्रांत विक्की गुप्ता ने इस्तीफा देकर बड़ा झटका दिया। इसके कुछ ही घंटों बाद पथरिया नगर पालिका के दो कांग्रेस पार्षदों ने पार्टी छोड़कर BJP जॉइन कर ली। दोनों घटनाओं ने कहीं न कहीं रणनीति और अंदरूनी राजनीति के कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अब कांग्रेस खुलकर BJP पर खरीद–फरोख्त के आरोप लगा रही है।

क्या है नाराज़गी की वजह?

दमोह नगर पालिका के नेता प्रतिपक्ष और BJP पार्षद विक्रांत गुप्ता का इस्तीफा सबसे पहले चर्चा में आया। गुप्ता संगठन के पुराने और सक्रिय नेताओं में गिने जाते हैं। उनका इस्तीफा सिर्फ एक पद छोड़ने का निर्णय नहीं था, बल्कि पार्टी के अंदर असंतोष का संकेत माना जा रहा है। विक्रांत गुप्ता ने अपना इस्तीफ़ा देते समय स्थानीय संगठन पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने खुलकर कहा कि पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है। गुप्ता ने पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के बेटे पर भी इशारों में नाराज़गी जताई और संगठन के फैसलों से खुद को दरकिनार महसूस करने की बात कही। यह बयान यह बताता है कि दमोह की स्थानीय राजनीति में अंदर ही अंदर काफी समय से खींचतान चल रही थी। गुप्ता का इस्तीफा सामने आते ही BJP कार्यकर्ताओं और विपक्ष दोनों की निगाहें इस मुद्दे पर टिक गईं।

दो कांग्रेस पार्षदों का BJP में जाना

इस्तीफे की खबर के कुछ ही समय बाद पथरिया नगर पालिका से एक और बड़ा सियासी ड्रामा सामने आया। पशुपालन मंत्री लखन पटेल के विधानसभा क्षेत्र पथरिया में कांग्रेस के दो पार्षदों ने अचानक पार्टी छोड़कर BJP का दामन थाम लिया। यह कदम कांग्रेस के लिए चिंता बढ़ाने वाला था, क्योंकि यह किसी चुनावी रणनीति के तहत नहीं, बल्कि एक साधारण दिन में हुआ। इसे स्थानीय स्तर पर कांग्रेस की पकड़ कमजोर होने का संकेत माना गया। पार्टी के अंदर भी यह चर्चा जोरों पर है कि आखिर इन पार्षदों ने अचानक क्यों दल बदल लिया? कांग्रेस नेताओं का दावा है कि यह मन से लिया गया फैसला नहीं, बल्कि दबाव और लालच का परिणाम हो सकता है। और यही आरोप आने वाले समय में राजनीतिक बहस को और तेज करेगा।

कांग्रेस का BJP पर हमला

दमोह कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष मानक पटेल ने खुलकर BJP पर आरोप लगाए। उनका कहना है कि BJP ने पहले विधायक खरीदे, फिर सरकार खरीदी, और अब निचले स्तर पर पार्षद खरीदने की कोशिश की जा रही है। मानक पटेल ने कहा भाजपा में पुराने कार्यकर्ताओं की कोई कद्र नहीं बची। कांग्रेस से आए लोग वहां सिर पर बैठाए गए हैं। दमोह के पुराने BJP नेता और पार्षद इसलिए मजबूर होकर इस्तीफा दे रहे हैं।

क्या दमोह में राजनीतिक संतुलन बदलने वाला है?

दमोह में ऐसा विरला मौका है जब बिना चुनाव के सियासी बयार इतनी तेज महसूस हो रही है। दलबदल और इस्तीफे दिखाते हैं कि स्थानीय राजनीति में गठजोड़, नाराजगी और रणनीति के कई स्तर एक साथ काम कर रहे हैं। मुख्य राजनीतिक संकेत BJP में पुराने नेताओं की असंतुष्टि खुलकर सामने आ रही है। कांग्रेस अपने पार्षदों के दलबदल को प्लांड पॉलिटिक्स बता रही है। पथरिया और दमोह दोनों जगहों पर राजनीतिक समीकरण तेजी से बदलते नज़र आ रहे हैं।