Damoh News : मध्य प्रदेश में आज से बोर्ड परीक्षा शुरू हो चुकी है। जिसके लिए छात्रों के बीच अलग ही उत्साह देखने को मिला। वहीं, दमोह में दसवीं बोर्ड परीक्षा के पहले दिन एक अजीब स्थिति देखने को मिली, जिससे मीडिया में यह विषय चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल, परीक्षा केंद्र में प्रवेश से वंचित रह गए 6 छात्र-छात्राएं सीधे कलेक्टर से मिलने उनके चेंबर में पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने डीएम से परीक्षा देने की गुहार लगाई, लेकिन मजबूरी के चलते कलेक्टर भी उनकी कोई मदद नहीं कर सके।
बता दें कि परीक्षा नियमों के अनुसार, परीक्षार्थियों को सुबह 8:00 बजे तक परीक्षा केंद्र पर पहुंचना था। वहीं, 8:30 बजे के बाद किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाना था। इसका पालन सभी स्कूल को कड़ाई से करना है।
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पूरा मामला
ऐसे में दमोह के एक्सीलेंस स्कूल में भी यही नियम लागू थे। वहीं, 40 किलोमीटर दूर से आए 6 छात्र-छात्राएं परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में कुछ मिनट लेट हो गए। जिसके बाद स्कूल प्रशासन द्वारा एक्जाम हॉल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। बहुत गुहार लगाने के बाद भी काम नहीं बना तो सभी छात्र सीधे कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर सुधीर कोचर को बताया कि वह मात्र 5 से 7 मिनट देर से पहुंचे थे, लेकिन परीक्षा केंद्र अधीक्षक ने उन्हें परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी। छात्रों ने काफी देर तक अनुरोध किया, लेकिन जब कोई समाधान नहीं निकला, तो वे सीधे दमोह कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए।
कलेक्टर ने दी जानकारी
इसके बाद कलेक्टर सुधीर कोचर ने छात्रों को अपने चेंबर में बैठाया और परीक्षा केंद्र अधीक्षक से मामले की जानकारी ली। अधीक्षक ने बताया कि छात्र करीब आधे घंटे की देरी से पहुंचे थे। फिर कलेक्टर ने छात्रों को समझाया कि नियमों के तहत वे कुछ नहीं कर सकते, लेकिन उन्होंने यह भरोसा जरूर दिलाया कि इस बारे में एमपी बोर्ड और सरकार से बात करेंगे, ताकि उनका भविष्य खराब न हो।
दमोह, दिनेश अग्रवाल