Notice to egg vendor deposit 6 crore rupees GST: हैडिंग पढ़कर आप सोचमें पड़ गए होंगे लेकिन ये सच है और जिस युवक को 6 करोड़ रुपये GST चुकाने का नोटिस मिला है उसके परिवार के होश उड़े हुए हैं, उसने नोटिस मिलने के बाद आयकर विभाग में और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आवेदन देकर जाँच की मांग की है।
ये मामला दमोह जिले के पथरिया के वार्ड क्रमांक 14 में रहने वाले प्रिंस पिता श्रीधर सुमन का है वो अपने परिवार के जीवन-यापन के लिए हाथ ठेले पर अंडे बेचता है। 20 मार्च 2025 को उन्हें दिल्ली आयकर विभाग से एक नोटिस प्राप्त हुआ उसके बाद से पूरा परिवार परेशान है, 6 करोड़ रुपये की राशि के साथ उस नोटिस में जो कुछ लिखा है उसे जानकर उनकी रातों की नींद उड़ी हुई है।

दरअसल आयकर विभाग की तरफ से जो नोटिस प्रिंस सुमन के पास पहुंचा है उसमें उसे दिल्ली में रजिस्टर्ड एक कंपनी का मालिक बताया गया है और उसके द्वारा किये गए करीब 50 करोड़ रुपये के कारोबार के बदले उसने 6 करोड़ रुपए का जीएसटी भुगतान नहीं किया है, जिसे चुकाने के लिए उसे नोटिस भेजा गया है।
नोटिस में 6 करोड़ रुपये GST नहीं चुकाने की बात
आयकर विभाग के नोटिस में कहा गया कि 2022 में प्रिंस इंटरप्राइजेज नाम से दिल्ली में एक फार्म रजिस्टर्ड की गई इस कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में चमड़ा, लकड़ी और लोहे से जुड़े सामान का कारोबार किया जिसके बदले कंपनी ने 50 करोड़ रुपये के लेनदेन किया लेकिन इसपर लगने वाली जीएसटी नहीं चुकाई , इसलिए उसे 6 करोड़ रुपये जीएसटी चुकानी होगी।
आयकर विभाग ने 50 करोड़ रुपये के कारोबार का हिसाब मांगा
आयकर विभाग ने जो नोटिस भेजा है उसमें प्रिंस से 49 करोड़ 24 लाख 57 हजार 217 रुपए के वित्तीय लेनदेन का हिसाब मांगा गया है। आयकर अधिनियम 1961 की धारा-133(6) के अंतर्गत दिए गए नोटिस में वित्तीय वर्ष 2022-23 की आईटीआर एवं व्यवसाय के साल भर के स्टेटमेंट की मांग की गई है और खरीदी-बिक्री की भी जानकारी मांगी गई है।
प्रिंस का दावा वो कभी दिल्ली गया है नहीं फिर कैसे कंपनी रजिस्टर्ड हो गई
नोटिस मिलने के बाद से प्रिंस और उसका परिवार परेशान है चूँकि नोटिस रजिस्टर्ड डाक से आया था तो प्रिंस ने ले लिया, फिर उसने एक वकील से संपर्क साधा, वकील ने कहा नोटिस तो असली है लेकिन ये तुम्हें क्यों आया ये आश्चर्य है, प्रिंस का कहना है कि वो कभी दिल्ली गया ही नहीं फिर उसके नाम से वहां कोई कंपनी कैसे रजिस्टर्ड हो गई। उसने लोगों की सलाह पर आयकर विभाग और पुलिस अधीक्षक दमोह को आवेदन देकर इसकी जाँच की मांग की है।