Damoh News : प्रशासन की लेटलतीफी ने बढ़ाया मामला, कलेक्टर पर गिर सकती है गाज

Atul Saxena
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Damoh News : दमोह के गंगा जमुना स्कूल में गैर इस्लामिक लड़कियों को तथाकथित रूप से हिजाब पहनाने का मामला गरमा गया है। इस मामले में जहां बुधवार को हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया था वहीं अब केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है, मुख्यमंत्री ने भी इस मामले में अब कलेक्टर को जांच के आदेश दिए हैं।

मंगलवार को दमोह के गंगा जमुनी स्कूल के एक पोस्टर ने विवाद का रूप ले लिया, इस पोस्टर में हिजाबनुमा ड्रेस पहने हुए उन लड़कियों के फोटो थे जिन्होंने बोर्ड की परीक्षाओं में टॉप किया है इसे लेकर हिंदू संगठन मुखर हो गए और कहा जाने लगा कि हिंदू लड़कियों को हिजाब कैसे पहनाया गया है।

हालांकि कलेक्टर ने तुरंत इस मामले में ट्वीट किया और कहा कि मामला संज्ञान में आने के बाद जांच कराई गई थी और ऐसा कुछ भी नहीं है, सब कुछ ठीक-ठाक है एसपी ने भी इस मामले में क्लीन चिट दे दी, लेकिन बुधवार को हिंदू संगठन सक्रिय हो गए और बड़ी संख्या में एकत्र होकर स्कूल के खिलाफ न केवल नारेबाजी की बल्कि सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर ज्ञापन भी दे डाला।

बुधवार की सुबह ही प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले की जांच कराने की बात कही। श्याम होते-होते कलेक्टर ने तीन सदस्यीय एक कमेटी और बनाने की बात कह दी और जांच कराने के लिए 3 दिन का समय दिया। लेकिन गुरुवार को जब केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल दमोह पहुंचे और मामला उनकी जानकारी में आया तो उनके तेवर काफी सख्त थे।

केंद्रीय मंत्री ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को धन्यवाद देते हुए कि उन्होंने कार्रवाई की बात की है लेकिन इस पूरे मामले में सरकार को सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ऐसा ना हो कि छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई हो जाए और प्रबंधक बच जाए। प्रह्लाद  पटेल ने कहा कि यह बेहद शर्मसार कर देने वाला मामला है,वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दमोह में हिजाब मामले में नाराजगी व्यक्त की है और दमोह कलेक्टर को हिजाब मामले की पूरी जांच के निर्देश दिए हैं।

इसके साथ ही स्कूल की एक बच्ची ने कल खुलासा किया कि स्कूल में एक दुआ भी बच्चों से पढ़ाई जाती थी जो अल्लामा इकबाल की लिखी हुई है और जिसके बोल हैं – “लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी, ज़िंदगी शमा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी”

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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