दमोह आग से बच्चियों की मौत मामले में सीएम मोहन यादव ने की 4-4 लाख रुपए सहायता राशि की घोषणा, घायल बच्ची की लेकर भी दिए निर्देश

प्राथमिक तौर पर झोपड़ी में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। हटा पुलिस मौके पर है और जाँच में जुटी है।

Amit Sengar
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Damoh News : मध्य प्रदेश के दमोह जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जिसमें मासूम बेटियों के जिंदा जलने की घटना पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दुख जाहिर किया है। सीएम ने दमोह कलेक्टर को पीड़ित परिवार के सहयोग और तीसरी घायल बच्ची के बेहतर इलाज के निर्देश दिए हैं। सीएम ने मृतक बच्चियों के परिजन को चार-चार लाख और घायल बच्ची को आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर सुधीर कोचर ने बताया कि तीसरी बच्ची को जबलपुर रेफर किया गया है और डॉक्टर और प्रशासन की टीम भी भेजी गई है ताकि उसे अच्छा इलाज मिल सके।

बता दें कि यह पूरा मामला जिले के हटा ब्लाक के ग्राम बरोदा कला का है जहां खेत मे बनी झोपड़ी में आग लगने की वजह से ये हादसा हुआ है। दरअसल बरोदा में एक खेत मे सागर जिले के आदिवासी मजदूर गोविंद आदिवासी और उनकी पत्नी खेत मे काम कर रही थी जबकि उनकी तीन बेटियां 3 साल की कीर्ति, 4 साल जान्हवी, और 5 महीने हीर, खेत मे बनी झोपड़ी में थी। अचानक झोपड़ी से आग की लपटें निकलते देख बच्चियो के माता पिता और दूसरे लोग दौड़े लेकिन जब तक वो वहां पहुंचते आग ने विकराल रूप ले लिया और तीनों बहिने बुरी तरह जल गई।

जाँच में जुटी पुलिस

पीड़ित परिवार तीनो को लेकर हटा के सिविल अस्पताल पहुंचा जहां उपचार के बाद उन्हें दमोह रेफर किया गया। जिला अस्पताल में दो मासूमो 4 साल की जान्हवी और 5 महीने की हीर ने दम तोड़ दिया है वहीं तीसरी जिंदगी की जंग लड़ रही है। प्राथमिक तौर पर झोपड़ी में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। हटा पुलिस मौके पर है और जाँच में जुटी है।

सीएम ने जताया दुःख, सहायता राशि की घोषणा

मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा कि दमोह जिले के ग्राम बरोदा कला में एक मजदूर परिवार की झोपड़ी में आग लगने की वजह से आग की चपेट में आकर एक ही परिवार की दो मासूम बच्चियों के असमय काल कवलित होने एवं एक बच्ची के गंभीर रूप से जलने का समाचार हृदय विदारक है। दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। शासन की ओर से मृतकों बच्चियों के परिजनों के लिए ₹4-4 लाख और गंभीर घायल बच्ची हेतु नियमानुसार आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। परमपिता परमात्मा से प्रार्थना है कि दिवंगत बच्चियों की पुण्यात्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान दें एवं शोकाकुल परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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