दमोह, डेस्क रिपोर्ट। दमोह (Damoh) सीट पर 17 अप्रैल को उपचुनाव (By-election) है। ऐसे में बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के नेताओं का जमावड़ा होने लगा है। कोरोना संक्रमण (Covid-19) के बढ़ते खतरे को देखते हुए कांग्रेस ने दमोह उपचुनाव (Damoh By Election) में बाहरी नेताओं की एंट्री पर रोक लगाने की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए दमोह उपचुनाव को लोकल नेताओं के भरोसे छोड़ देना चाहिए। ये मांग कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा (Former Minister PC Sharma) ने चुनाव आयोग (Election Commission) से की है।
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पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि कोरोना संक्रमण पूरे प्रदेश में तेजी के साथ फैल रहा है। ऐसे में वह चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मांग करेंगे कि दमोह में एक अप्रैल से लेकर 15 अप्रैल को चुनाव थमने तक बाहरी नेताओं के उपचुनाव में प्रचार करने पर रोक लगाई जानी चाहिए। यह सभी सियासी दलों और उनके नेताओं के लिए आयोग अनिवार्य करें। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच दमोह सीट का उपचुनाव आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ साबित हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि जिन जिलों में कोरोना संक्रमण ज्यादा है वहां से दमोह जाने वाले नेताओं की एंट्री पर रोक लगे।
बीजेपी का पलटवार
कांग्रेस नेता पीसी शर्मा के बयान पर बीजेपी के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस में नेताओं का टोटा हो गया है। पार्टी के ज्यादातर नेता घर बैठ गए हैं। दमोह में उपचुनाव के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चुनाव आयोग की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। कांग्रेस के नेता हार के डर से इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।