Damoh News : पूरे देश भर में दशहरा को लेकर तैयारियां जोरों पर है। 12 अक्टूबर को जश्न के साथ रावण दहन किया जाएगा। इसी कड़ी में दमोह नगर पालिका द्वारा एक नया फरमान जारी किया गया है। जिसके तहत सराफा बाजार से जुड़े व्यापारियों और स्थानीय लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है।
त्योहार के समय बाजारों में भीड़ देखने को मिलती है और यह समय खरीदारी और बिक्री का महत्वपूर्ण समय माना जाता है। ऐसे में दमोह के पुराना सराफा बाजार की इमारत को जर्जर घोषित करते हुए तीन दिनों तक दुकानें बंद रखने का आदेश दिया है।। इसके तहत सराफा व्यवसाय से जुड़े 40 से ज्यादा दुकानदार अपनी दुकान बंद रखेंगे।
प्रशासन का बड़ा फैसला
दरअसल, नगर पालिका ने जिले की बेहद पुरानी सराफा की इमारत में बने सोने चांदी की दुकानदारों के लिए आदेश जारी किया है। त्योहार के दौरान संभावित घटनाओं की आशंका जताते हुए इसे सील कर दिया गया है। साथ ही बैरिकेट्स भी लगा दिए गए हैं। इलाके में यह पहला मौका है जब इस तरह का आदेश जारी किया गया है।
सर्राफा व्यापारियों ने कही ये बात
सर्राफा व्यापारियों का कहना है कि आदेश मानने उनकी मजबूरी है, लेकिन जो आशंका प्रशासन द्वारा जताई जा रही है वह गलत है, क्योंकि बिल्डिंग अभी मजबूत है। इससे उनके व्यापार को बुरी तरह प्रभावित करेगा। उनका कहना है कि अगर इमारत वाकई में इतनी जर्जर है तो केवल त्योहार के समय ही नहीं, बल्कि पूरे समय इसे बंद रखना चाहिए, क्योंकि दुर्घटनाएं किसी भी समय हो सकती हैं।
इमारत हो चुकी है जर्जर
वहीं, प्रशासन का कहना है कि दशहरे के दौरान भारी संख्या में लोग इस बिल्डिंग पर रामदल रावण दहन और दशहरा चल समारोह देखने के लिए चढ़ते हैं। इससे दुर्घटना हो सकती है। इमारत की सुरक्षा को लेकर बैरिकेड्स लगा दिए हैं और फर्स्ट फ्लोर को सील कर दिया गया है। इस फैसले से सराफा व्यापारियों और प्रशासन के बीच विवाद की स्थिति बन गई है।
दमोह, दिनेश अग्रवाल