अनाज व्यापारियों पर नकेल, प्रशासन की टीम ने मारा छापा, अनियमितता मिलने पर दो गोदाम सील

एसडीएम सौरभ गंदर्भ को मिली शिकायत सही निकली और जब दस्तावेज और स्टॉक को चेक किया गया तो सैकड़ो क्विंटल अनाज का अंतर पाया गया मतलब लायसेंस की क्षमता से कहीं ज्यादा अनाज की खरीदी और स्टॉक किया गया है।

Atul Saxena
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Grain traders warehouses raid : अनाज की अवैध खरीदी और अवैध भण्डारण को लेकर अब एमपी सरकार सख्त दिखाई दे रही है और सरकार के निर्देश के बाद जमीनी स्तर पर प्रशासन बड़ी कार्यवाहियों को अंजाम देने में जुट गया है। सरकार के सख्त निर्देश हैं कि किसी भी बड़े व्यापारी के कारण किसान या फिर छोटा व्यापारी परेशान नहीं होना चाहिए। 

सरकार के निर्देश के बाद एक्शन का  पहला बड़ा मामला दमोह जिले से सामने आया है यहां के तेंदूखेड़ा में बड़ी कार्यवाही सामने आई है जब एसडीएम की टीम ने छापामार कार्यवाही करते हुए दो गल्ला व्यापारियों के गोदामों पर छापे मारे और अनियमितता पाए जाने पर दो गोदामो को सील किया है।

शिकायत के बाद दो व्यापारियों के गोदाम पर छापा 

दरअसल तेंदूखेड़ा में बड़े पैमाने पर व्यापारी अनाज की खरीदी करते हैं नियमानुसार इन व्यापारियों को खरीदी और भंडारण के लाइसेंस भी जारी किए गए हैं और इसी आधार पर सरकार को टैक्स भी मिलता है। लायसेंस में एक निश्चित तादात तय है और व्यापारी उतनी ही खरीदी औऱ स्टॉक कर सकते हैं।लेकिन सरकार को चूना लगाते हुए व्यापारी अनाज की खरीदी खुलेआम करने के साथ गोदामो में स्टॉक करते हैं और जब ऐसी शिकायते आई तो प्रशासन हरकत में आया और अचानक तेंदूखेड़ा की दो अनाज गोदामो पर छापेमार कार्यवाही की गई।

SDM ने तय मात्रा से अधिक खरीदी के चलते दो गोदाम सील किये  

एसडीएम सौरभ गंदर्भ को मिली शिकायत सही निकली और जब दस्तावेज और स्टॉक को चेक किया गया तो सैकड़ो क्विंटल अनाज का अंतर पाया गया मतलब लायसेंस की क्षमता से कहीं ज्यादा अनाज की खरीदी और स्टॉक किया गया है। तेंदूखेड़ा एसडीएम सौरभ गंदर्भ के मुताबिक दो अनाज गोदामो को फिलहाल सील किया गया है वही इनकी जांच पड़ताल जारी है। गंदर्भ के मुताबिक अभी ये कार्यवाही लगातार जारी रहेगी। इस बड़ी कार्यवाही के बाद इलाके में हड़कम्प मचा हुआ है।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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