दमोह ने बढ़ाया मध्यप्रदेश का मान, नीति आयोग की रैंकिंग में हासिल किया दूसरा स्थान, पढ़ें पूरी खबर

Manisha Kumari Pandey
Published on -

Damoh News: भारत सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने हाल ही में नई रिपोर्ट जारी की है। जिसमें देश भर के जिलों की रैंकिंग निर्धारित क्षेत्रों में उनके परफॉरमेंस के आधार पर की गई है। आयोग ने देश भर के 112 जिलों को आकांक्षी जिलों में शामिल किया है औऱ इन जिलों में स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई, विकास जैसे क्षेत्रों में विशेष अभियान के तहत काम किये जा रहे हैं। इस लिस्ट में मध्यप्रदेश के दमोह ने बाजी मारी और दूसरा स्थान प्राप्त किया है। ये उपलब्धि नीति आयोग द्वारा चयनित किये गए आकांक्षी जिलों में दमोह को हासिल हुई है।

दमोह ने बढ़ाया मध्यप्रदेश का मान, नीति आयोग की रैंकिंग में हासिल किया दूसरा स्थान, पढ़ें पूरी खबर
नीति आयोग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट।

ऐसा रहा जिले का परफॉरमेंस

नीति आयोग की इस रिपोर्ट में दमोह का हेल्थ एंड न्यूट्रीशन में स्कोर दिसम्बर 84.6 और जनवरी में 85.2 रहा। वहीं एजुकेशन में दिसम्बर 73.4 और जनवरी में 73.4 दर्ज किया गया। इसके अलावा एग्रीकल्चर एंड वाटर रिसोर्स में दिसम्बर महीने में 34.7 और जनवरी में 35.2 देखा गया। फायनेसियल इन्क्लूशन एंड स्किल डेपलेपमेंट में दिसम्बर में 32 और जनवरी में 49.6 स्कोर रहा। बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए दिसम्बर में 84.9 और जनवरी में 85 देखा गया।

जिला कलेक्टर ने कही ये बात

इस रैंकिंग को देख कर कहा जा सकता है कि दमोह लगातार इन क्षेत्रों में काम कर रहा है औऱ आयोग की मंशा के मुताबिक जिले में काम इस क्षेत्र में काफी विकास भी हो रहा है। नीति आयोग द्वारा जारी की गई इन जिलों की प्रगति की रिपोर्ट में दमोह ने मध्यप्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। इस संदर्भ में कलेक्टर एस कृष्ण चेतन्य ने जानकारी देते हुए बताया है की जिले में चल रहे काम संतोषजनक है और यहाँ की मशीनरी बेहतर काम कर रही है। जिस वजह से ये उपलब्धि हासिल हो रही है।
दमोह से आशीष कुमार जैन की रिपोर्ट


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News