ए भाई जरा देख के…बीच रास्ते पर लगा हैंडपंप हटाए बिना बना दी सड़क

ग्रामीण इस सीसी सड़क से खुश व नाखुश नजर आ रहे है, ऐसे में सवाल यह भी उठा रहा है कि सीसी सड़क बनाने वाली कंपनी व मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों को ये नजर क्यों नहीं आया?

Amit Sengar
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Damoh News : मध्य प्रदेश को यूं ही अजब-गजब नहीं कहा जाता है बल्कि इस सूबे में आए दिन कुछ न कुछ ऐसे मामले सामने आते है जो चौंकाने वाले होते है। ऐसा ही मामला दमोह जिले से आ रहा है जहाँ सीसी सड़क के बीचों-बीच एक खराब हैंडपंप खड़ा दिखाई पड़ रहा है। जिसको निर्माण एजेंसी ने हटाने की बजाए उसके चारों तरफ से सड़क बना दी। किसी ने इसकी फोटो क्लिक करके सोशल मीडिया में पोस्ट कर दी। यह तस्वीर सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है।

बता दें कि यह पूरा मामला दमोह जिले के हटा ब्लॉक में आने वाले घोघरा गांव का है जहाँ गांव के लिए सड़क का निर्माण होना था। मगर गांव की बस्ती में एक हैंडपंप पहले से लगा हुआ था जो बिल्कुल ख़राब पड़ा था। ठेकेदार ने उसे हटाए बिना ही सड़क का निर्माण पूर्ण कर दिया। लेकिन बीच सड़क पर लगा यह हैंडपंप किसी के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है।

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क्या अधिकारियों को यह हैंडपंप नजर नहीं आया?

इस पूरे मामले ने एक बार फिर से शासकीय योजनाओंं और निर्माण कार्यों में लापरवाही की पोल खोल के रख दी है। ऐसे में सवाल यह भी उठा रहा है कि सीसी सड़क बनाने कंपनी व मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों को ये नजर क्यों नहीं आया? इधर ग्रामीणों का कहना है कि सड़क बनने से उन्हें राहत तो मिली लेकिन बीच में खड़े इस हैंडपंप की वजह से हादसे का डर हमेशा बना रहता है।

अनजान व्यक्ति के लिए हो सकता है जानलेवा

ग्रामीणों ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि ये हैंडपंप सालो से बिगड़ा और बंद पड़ा है मतलब अनुपयोगी है लेकिन सड़क बनाने वालों ने इस पर ध्यान नही दिया औऱ सड़क का निर्माण कर दिया। मगर समस्या इस बात की है कि रात में अनजान व्यक्ति के लिए ये जानलेवा साबित हो सकता है। वहीं इस सड़क से गाड़ियों का निकलना तो नामुमकिन है।
दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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