पिछले कुछ वर्षों ने ऐसी ख़बरें सुनने में आईं कि पति ने पत्नी की इच्छा का मान रखते हुए उसे शादी का बाद भी पढ़ाया और उसे अफसर बनाने में मदद की लेकिन जब वो अफसर बन गई तो उसने पति को ही छोड़ दिया ऐसा ही एक मामला दमोह से सामने आया है, लेकिन यहाँ मामला सियासत से जुड़ा है अपने आपमें शायद पहला ऐसा मामला है जिसमें राजनीति में ऊंचाई हासिल करने के बाद पत्नी ने उसी पति को छोड़ दिया जिसने कदम कदम पर उसके लिए मेहनत की थी।
मामला दमोह जिले के पथरिया की पूर्व भाजपा विधायक सोना बाई अहिरवार से जुड़ा है, उनके पति सेवक राम अहिरवार ने अपनी पत्नी पर बेवफाई के आरोप लगाये हैं उनका कहना है कि उनकी पत्नी ने सियासी रसूख हासिल करने के बाद उन्हें छोड़ दिया और बिना तलाक दिए अलग होकर सागर में रहने लगी है, पति ने कुटुंब न्यायालय में अर्जी लगाई है कि और मांग की है कि उन्हें पत्नी से गुजारा भत्ता दिलाया जाये।

बता दें सोना बाई 2003 से 2008 तक पथरिया सीट से भाजपा की विधायक रही हैं और इस दौरान वो बेहद सुर्खियों में भी रही। एससी वर्ग की महिला नेत्री होने की वजह से आज भी भाजपा की राजनीति में सोना बाई सक्रिय हैं और जिले और प्रदेश में वीवीआइपी विजिट और बड़े समारोहों में सोना बाई को भाजपा बराबर तबज्जो देती है।
पूर्व विधायक के पति सेवक राम ने सिर्फ कोर्ट में अर्जी भर नही लगाई बल्कि मीडिया के सामने आकर अपनी पीड़ा भी बयान की। सेवक राम के अनुसार शादी के बाद सब सही चल रहा था, एक दिन उनकी पत्नी ने राजनीति में आने की इच्छा जाहिर की तो चूंकि सेवक क्षेत्र में छोटी मोटी राजनीति का हिस्सा थे लिहाजा उन्होंने अपनी पत्नी को इस क्षेत्र में आगे लाने कोशिश की और दमोह से लेकर भोपाल और दिल्ली तक वो सोना बाई को लेकर गए, और उनकी मेहनत सफल हुई, 2003 में सोना बाई को भाजपा ने टिकट दिया और सोना बाई ने जीत भी दर्ज की।
सूबे में सत्ता परिवर्तन का यही साल था और प्रदेश में उमा भारती के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी, सोना बाई उमा भारती की करीबी भी बन गई, सत्ताधारी दल की विधायक होने के कारण उनका जलवा भी जिले में दिखने लाग। सेवक राम के मुताबिक विधायक बनने के बाद सोना बाई का व्यवहार उनके साथ बदल गया बड़े बड़े नेताओं से संपर्क होने के बाद उनके साथ बेरुखी साफ झलकने लगी, फिर भी सेवक ने सब सहते रहे।
पति का आरोप 2009 में साथ छोड़कर चली गई पूर्व विधायक पत्नी
उन्होंने बताया कि 2008 में कार्यकाल पूरा होने के बाद पथरिया सीट एससी कोटे से बाहर हो गई और अनारक्षित होने की वजह से दोबारा सोना बाई को टिकट नही मिला लेकिन राजनीति में मुकाम हासिल करने के बाद सोना बाई ने 2009 में उनका साथ छोड़ दिया बिना तलाक के वो उन्हें छोड़कर सागर में रहने लगी। दमोह जिले में वो राजनीति में सक्रिय हैं लेकिन सागर में मकान बनाकर आराम की ज़िंदगी जी रही है।
दिव्यांग पति ने ये वजह बताई अर्जी लगाने की
सेवक राम ने कहा कि उनकी पत्नी के पास जमीन, जायजाद, गाड़ी सब है और बराबर पूर्व विधायक के नाते उन्हें सरकार पेंशन भी दे रही है लेकिन उनके सामने खाने के लाले पड़े है। दिव्यांग होने और बढ़ती उम्र के कारण भरण पोषण के लिए वो मेहनत भी नहीं कर पा रहे हैं लिहाजा उन्हें जीवन बसर करने के लिए नेता पत्नी से ही उम्मीद है।
25 हजार रुपये महीना गुजारा भत्ता मांगा पति ने
सेवक राम ने कोर्ट में अर्जी लगाते हुए हर महीने 25 हजार रुपये गुजारा भत्ता देने की मांग की है। उनके वकील नितिन मिश्रा के मुताबिक कोर्ट ने सेवक की अर्जी स्वीकार कर ली है और अब विधिवत नोटिस जारी होगा और पूर्व विधायक सोना बाई को कोर्ट में तलब किया जाएगा और सुनवाई के बाद कोर्ट इस मामले में फैसला देगा। मामला कोर्ट में आने के बाद पूर्व विधायक फिलहाल मीडिया के सामने आने से बच रही हैं और उनकी प्रतिक्रिया का सबको इंतज़ार है।
दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट