लग्जरी गाड़ियों से चुराते थे बकरियां, लाखों की बकरियां चुराने वाला गैंग पकड़ाया

दमोह, गणेश अग्रवाल। पुलिस ने लग्जरी गाड़ियों से बकरी चुराने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बकरियां लूट कर उन्हें लग्जरी गाड़ियों से ट्रांसपोर्ट करने के मामले में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 55 बकरियां, इनोवा और जाइलो गाड़ियां भी बरामद की गई हैं।

पुलिस अधीक्षक हेमंत चौहान ने बताया कि मड़ियादो, बटियागढ़, रजपुरा, तेजगढ़ तथा जबेरा सहित विभिन्न थानों में बकरियों की लूट किए जाने के कई मामले लगातार दर्ज हो रहे थे। जिन्हें देखते हुए बकरी चोरों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया तथा बटियागढ़ के जंगल में घेराबंदी कर मझगुवा घाटी में निकलिस पुत्र समद खान (19 साल), जाजरअली पुत्र शाहिद अली (22 साल), नसरुद्दीन उर्फ सोनू पुत्र कुतुबुद्दीन खान (32 साल) तथा आमिर पिता नासिर खान (30 साल) को पकड़ा गया। ये सभी पुरुषोत्तम पुरा थाना जिला पन्ना के निवासी हैं जिन्हें घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के कब्जे से करीब 2 लाख 70 हज़ार रुपए की 55 नग बकरियां, एक महिंद्रा जाइलो एमपी 19 सीए 4181 तथा एक टोयोटा इनोवा कार एमपी 19 सीए 1491 बरामद की गई।

एसपी ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वह हथियार सब्बल आदि से घरों में लूट की वारदातों को भी अंजाम देते थे। वह बकरियों को हांककर दूर ले जाते तथा गाड़ियों में रखकर उन्हें दूसरे जिलों में बेचते थे। गौरतलब है कि पिछले कई वर्षों से मड़ियादो एवं बटियागढ़ क्षेत्र में बकरियां लूटने की वारदातें लगातार सामने आ रही थी। पहले पहल पुलिस ने मामले को हल्के में लिया लेकिन जब यह वारदातें आसपास के अन्य थाना क्षेत्रों में भी होने लगी तो पुलिस को इस मामले के पीछे गहरी साजिश समझ आई। स्थानीय लोगों की माने तो पिछले चार-पांच वर्षों में अभी तक कई लाखों रुपए की बकरियां क्षेत्र से चोरी हो चुकी हैं। उनमें से कुछ का पता चल गया लेकिन कुछ अभी भी अज्ञात हैं। संभव है कि पूछताछ के दौरान पुलिस को इसमें और भी लूटपाट आदि का खुलासा करने में मदद मिले।

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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