दमोह में चल रही है अवैध हथियारों की फैक्ट्री, गिरफ्तार तीन आरोपियों ने किया बड़ा खुलासा

अभी पुलिस के पास कुछ नाम आये हैं और इन सप्लायर की तलाश पुलिस कर रही है इसके अलावा पुलिस ने उन खरीददारों की लिस्ट भी बनाई है जिन्हें अवेध आर्म्स बेचे गए हैं।

Atul Saxena
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Illegal arms factory in Damoh: दमोह जिले में लंबे समय से रोजाना सामने आ रही आपराधिक वारदातों के बीच इनमें इस्तेमाल होने वाले हथियार भी इसी जिले में बन रहे हैं औऱ न सिर्फ इनकी सप्लाई जिले में बल्कि आसपास के जिलों में भी हथियारों की खेप यही से भेजी जा रही है ये सनसनीखेज खुलासा दमोह पुलिस के हाथ चढ़े तीन हथियार तस्करों ने किया है जिसके बाद हड़कम्प मच गया है।

दरससल दमोह कोतवाली और देहात थाना की संयुक्त टीम ने तीन हथियार तस्करों को गिरफ्त में लेकर उनके पास से हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद किया है और जब पुलिस ने पूछताछ की तो सारा मामला सामने आया है। दमोह एसपी श्रुतकीर्ती सोमवंशी के मुताबिक जिले के अलग अलग इलाको में ये अवेध हथियार फैक्ट्रियां चल रही हैं जहां लोकल लेवल पर देशी कट्टे रिवाल्वर और माउजर जैसे हथियार बनाये जा रहे हैं जिनके निर्माण के बाद ये तस्कर उन्हें जिले भर में सप्लाई करते हैं।

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बड़े पैमाने पर तैयार होते हैं अवैध हथियार 

इतना ही नही इन तस्करों की पहुंच आसपास के जिलों में भी है और अनुमान के मुताबिक बड़े पैमाने पर हथियार सप्लाई किये जा चुके हैं। एसपी के मुताबिक पकड़े गए तीन आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि जिले के अपराधियों को लोकल मेड हथियार सप्लाई करने वाला बड़ा गिरोह है जिसके जरिये हथियार पहुंचाए जाते हैं।

पुलिस कर रही सप्लाई चैन की तलाश 

अभी पुलिस के पास कुछ नाम आये हैं और इन सप्लायर की तलाश पुलिस कर रही है इसके अलावा पुलिस ने उन खरीददारों की लिस्ट भी बनाई है जिन्हें अवेध आर्म्स बेचे गए हैं। फिलहाल इस कार्रवाई ने हड़कम्प मचा दिया है और अब बड़े स्तर पर इसके खुलासे की उम्मीद बनी है।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट   


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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