अपने ही ऑफिस में 20,000 रुपये की रिश्वत ले रहे थे जनपद पंचायत सीईओ, लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा

सीईओ ने ग्राम पंचायत में किये गए कार्यों के भुगतान एवम नए कार्य स्वीकृत करवाने के एवज में कुल भुगतान के हिसाब से सरपंच से 10% रिश्वत की मांग की थी।

Atul Saxena
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Lokayukta Action: भ्रष्टाचार पर सख्त एक्शन के निर्देश के बावजूद सरकारी कर्मचारी अधिकारी बेख़ौफ़ होकर रिश्वत ले रहे हैं, आज एक और रिश्वतखोर लोकायुक्त ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है, घूस ले रहे अधिकारी जनपद पंचायत के सीईओ है जो अपने ही ऑफिस में 20 हजार रुपये की रिश्वत ले रहे थे।

सागर लोकायुक्त एसपी योगेश्वर शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि डीजी जयदीप प्रसाद के निर्देश के बाद से लोकायुक्त की टीमें एक्टिव मोड में है, शिकायत मिलते ही कुंडली खंगाल कर रिश्वतखोर को रंगे हाथ गिरफ्तार किया जा रहा है इसी कड़ी में आज सुबह दमोह जिले की जनपद पंचायत पटेरा के सीईओ को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।

एसपी लोकायुक्त से CEO की शिकायत 

लोकायुक्त एसपी ने बताया कि जनपद पंचायत पटेरा की ग्राम पंचायत कुटरी के सरपंच रामकुमार मिश्रा ने एक आवेदन उनके ऑफिस में दिया था जिसमें शिकायत की गई थी कि सीईओ भूरे सिंह रावत ने उससे  20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी है।

सीईओ ने मांगी भुगतान के बदले बिल की 10 प्रतिशत राशि  

आवेदन में बताया गया कि आवेदक की ग्राम पंचायत में किये गए कार्यों के भुगतान एवम नए कार्य स्वीकृत करवाने के एवज में कुल भुगतान के हिसाब से 10% रिश्वत की मांग की थी, शिकायत के बाद उसकी जाँच की गई और ट्रेप प्लान की गई।

लोकायुक्त सागर की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा 

डीएसपी मंजू सिंह के नेतृत्व में उप पुलिस अधीक्षक बी एम द्विवेदी तथा लोकायुक्त स्टाफ आज जनपद पंचायत पटेरा पहुंचा, यहाँ सीईओ ऑफिस में आवेदक रामकुमार मिश्रा ने जैसे ही सीईओ भूरे सिंह रावत को 20 हजार रुपये रिश्वत दी इशारा मिलते ही लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया, लोकायुक्त ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर जाँच में ले लिया है।

अपने ही ऑफिस में 20,000 रुपये की रिश्वत ले रहे थे जनपद पंचायत सीईओ, लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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