BJP कार्यकर्ताओं ने पार्टी दफ्तर में चिपकाया पर्चा, कहा- हम नहीं कर पाएंगे चुनाव में काम, जानिए क्या है वजह

Atul Saxena
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Damoh News

Damoh News : कार्यकर्ताओं की दम पर चुनाव जीतने की ताकत रखने वाली BJP, इस बार हर बूथ जीतकर 400 पार का नारे को हकीकत में बदलने की तैयारी कर रही है लेकिन उसे दमोह से एक बड़ा झटका लगा है, जिले के इमलाई गांव के तीन बूथों के कार्यकर्ताओं ने चुनाव कार्य करने से इंकार कर दिया है उन्होंने इससे संबंधित एक परचा भाजपा कार्यालय में भी चिपका दिया है, कार्यकर्ताओं की नाराजगी की वजह भीषण पेयजल समस्या और पीएम आवास योजना शुरू नहीं होना हैं।

BJP का बूथ कार्यकर्ता नाराज 

मध्य प्रदेश में भाजपा लोकसभा चुनाव का प्रचार जोर शोर से कर रही है उसके कार्यकर्ताओं में जबरदस्त जोश है, सीएम और प्रदेश अध्यक्ष से लेकर सभी सीनियर नेता कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित कर रहे हैं लेकिन प्रदेश के दमोह जिले से जो खबर सामने आई है वो थोड़ी अलग है, पार्टी की रीढ़ माने जाने वाला यहाँ का बूथ कार्यकर्ता नाराज है और उसने चुनाव में काम करने से इंकार कर दिया है।

दमोह के इमलाई गांव के कार्यकर्ताओं ने किया बहिष्कार 

नाराजगी जाहिर करने वाले ये कार्यकर्ता दमोह शहर से लगे हुए इमलाई गांव के हैं, ये वही इमलाई गांव है जिसकी ज़मीन पर छह महीने में दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ चुके हैं, जहां से पीएम ने पहले विधानसभा चुनाव और अब लोकसभा चुनाव में विकास के दावे किए औऱ केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को जनता को बताया लेकिन इसी गांव में उनकी पार्टी के कार्यकर्ता अब जनता के बीच जाने की स्थिति में नही है वजह यहाँ की पेयजल की समस्या और पीएम आवास योजना है।

तीन बूथ के कार्यकर्ता बोले हम नहीं करेंगे चुनाव में काम 

भाजपा के बूथ क्रमांक 32, 33 और 34 के कार्यकर्ताओं के मुताबिक उन्हें चुनाव कार्य में पदाधिकारी बनाया गया है लेकिन पेयजल समस्या और पीएम आवास योजना  का लाभ नहीं मिलने के कारण उन्होंने इस बार चुनाव कार्य करने से मना कर दिया है और इस आशय का एक परचा भी पार्टी कार्यालय में चिपका दिया है।

पेयजल और पीएम आवास योजना के लिए तरस रहे ग्रामीण 

इमलाई के बूथ पदाधिकारी रमेश श्रीवास्तव के मुताबिक दो साल से पार्टी के स्थानीय नेताओं से लेकर सीनियर नेताओं  तक को पानी की समस्या बताई है , स्थानीय विधायक जयंत मलैया से भी मिले, उन्होंने पत्र लिखा, कलेक्टर ने नगर पालिका सीएमओ को पत्र लिखा फिर भी हमारे गांव को पानी नहीं  मिल रहा।

गांव में पानी की टंकी लेकिन फिर भी नहीं मिलता पानी 

उन्होंने कहा कि पानी की टंकी हमारे गांव की जमीन पर है पानी की लाइन हमारे गांव की जमीन से निकली है और हम ही पानी के लिए तरस रहे हैं जबकि दूसरे गांव को भरपूर पानी मिल रहा है रेलवे यहाँ से जरुरत से ज्यादा पानी ले रहा है, हम पंचायत से नगर पालिका तक लाइन डाल चुके है कलेक्टर का आदेश है कि इन्हें पानी दिया जाये लेकिन नगर पालिका हम लोगों को फिर भी पानी नहीं दे रही।

विधानसभा चुनाव में आश्वासन मिला भाजपा जीती लेकिन परेशानी दूर नहीं हुई 

भाजपा कार्याकर्ताओं ने कहा इमलाई गांव के लोग दूर दूर से पानी लाते हैं विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्हें आश्वासन दिया गया था लेकिन कुछ नहीं हुआ, गांव  के लोग पीएम आवास योजना के लिए भी भटक रहे है। हमने  विधानसभा चुनाव में ग्रामीणों को मनाया, मतदान कराया और भाजपा को जिताया लेकिन अब हम उन्हें क्या जवाब दें कैसे नजरें मिलाएं? मतदाता सुनने को तैयार नहीं हैं वो हमसे और भाजपा से नाराज है इसलिए हमने चुनाव कार्य नहीं करने का निर्णय लिया है।

नेता एक बार फिर दे रहे समस्या के समाधान का भरोसा 

पार्टी प्रत्याशी राहुल सिंह का कहना है कि उन्हें मालूम है वहां पानी की समस्या है उन्होंने इसे शीघ्र दूर करने का भरोसा दिया है उधर पूर्व मंत्री लखन पटेल का कहना है कि नगर पालिका को पानी देना पड़ेगा हम बात करेंगे रही बात विरोध की तो हमारी पार्टी में भी प्रजातंत्र है , सबको बात रखने का अधिकार है, हम उनसे बैठकर बात करेंगे और समस्या को दूर करेंगे।

तीन दिन बाद 26 अप्रैल को होना है मतदान  

गौरतलब है 20 अप्रैल से शुरू हुआ ये विरोध और आश्वासन का सिलसिला आज तीन दिन बाद भी वैसा ही है, मामला पूर्व मंत्री और स्थानीय विधायक जयंत मलैया एवं पूर्व मंत्री लखन पटेल के संज्ञान में भी फिर भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा, दमोह में 26 अप्रैल को मतदान हैं ऐसे में हर बूथ जीतने के अति आत्मविश्वास से भरी पार्टी के सीनियर नेता  तीन बूथ के अपने जमीनी कार्यकर्ताओं की नाराजगी कैसे दूर कर पाएंगे और अपनी जीत दर्ज कर पाएंगे ये तो नतीजे ही बताएँगे।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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