दमोह में पार्टी नेताओं के सामूहिक इस्तीफे, कहा – मध्य प्रदेश में मिलीभगत से चल रही आप

Amit Sengar
Published on -

Damoh News : एमपी के दमोह से एक बड़ी खबर है जहां सूबे में संभावनाएं तलाश रही आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है और आप से इस्तीफों का दौर चल रहा है। मामला इसलिए बड़ा हो जाता है कि पार्टी के गठन के साथ संघर्ष कर रहे नेता साफ-साफ कह रहे हैं की प्रदेश में आम आदमी पार्टी भाजपा के इशारे पर चल रही है और सिर्फ वोट काटो पार्टी बनकर रह गई है।

सोमवार को पार्टी के जिलाध्यक्ष सुनील राय के नेतृत्व में एक बड़ी बैठक आयोजित कर पार्टी नेताओं ने अपना दुख जाहिर किया और फिर पार्टी जिलाध्यक्ष सहित कई लोगों ने अपने इस्तीफे दे दिए। इतना ही नही मीडिया के सामने पार्टी अध्यक्ष सहित अन्य नेताओं ने आप के अंदर चल रही असलियत को उजागर किया। दरअसल आम आदमी पार्टी के भीतर ये कलह सूबे में हुए नगरीय निकाय चुनाव के दौरान शुरू हुई जब पार्टी के बुन्देलखण्ड अंचल में अनियमितताएं हुई।

पार्टी जिलाध्यक्ष सुनील राय ने असलियत जाहिर करते हुए बताया कि इलाके के प्रभारी धनेंद्र जैन ने दूसरी पार्टियों से मिलकर प्रत्याशी बनाये और इलाके में पार्टी के पार्षद तक चुनकर नही आ पाए। इसके बाद लगातार शिकायते की गई पर असर नही हुआ। पिछले महीने बुन्देलखण्ड के सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़ के जिलाध्यक्षो ने मिलकर सामूहिक शिकायत पार्टी आलाकमान को की लेकिन कोई असर नही हुआ।

हालांकि सूबे में फिलहाल आम आदमी पार्टी भंग चल रही है लेकिन बुन्देलखण्ड में पार्टी का काम कर रहे नेताओ को लग रहा है कि नई कार्यकारणी में उन्हीं लोगों को लिया जा रहा है जो दूसरे दलों से मिलकर पार्टी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन हालातो के बाद यहां पार्टी से विदा लेने का क्रम शुरू हुआ है। सूबे में इसी साल विधानसभा चुनाव है और बीते कुछ महीनों में आम आदमी की संभावना बड़ी है एक महापौर सीट जीतने के बाद पार्टी के कदम बढ़ने की उम्मीद थी लेकिन अंदरखाने की हकीकत सामने आने के बाद आप की डगर मुश्किल जरूर दिख रही है।
दमोह से आशीष कुमार जैन की रिपोर्ट


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News