Tue, Dec 23, 2025

दमोह में आउटसोर्स कर्मचारियों को नहीं मिला 6 महीने से वेतन, भीख मांगने को मजबूर, कलेक्टर ने लिया संज्ञान

Written by:Sanjucta Pandit
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इन अस्पतालों में परमानेंट कर्मचारियों की संख्या ना के बराबर है, जिस कारण आउटसोर्स कर्मचारी से सारे कार्य करवाए जा रहे हैं। ऐसे में अस्पताल में व्यवस्थाएं बदहाल हो चुकी है, जिसका खामियां मरीजों को भी बताना पड़ रहा है।
दमोह में आउटसोर्स कर्मचारियों को नहीं मिला 6 महीने से वेतन, भीख मांगने को मजबूर, कलेक्टर ने लिया संज्ञान

Damoh News : मध्य प्रदेश की दमोह जिले से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है, जहां स्वास्थ्य विभाग के आउटसोर्स कर्मचारी को पिछले 6 महीने से वेतन नहीं मिला है। जिस कारण वह भीख मांगने को मजबूर हो गए हैं। इन कर्मचारियों में बाबू, सुरक्षा कर्मी, ऑपरेटर और सफाई कर्मी शामिल है। वेतन नहीं मिलने के कारण उनके जीवन पर विपरीत असर पड़ने लगा है, इसलिए वह सड़क पर भीख मांगने को मजबूर है।

भीख मांगने को मजबूर

जिसकी पहली तस्वीर हटा से सामने आई है, जहां सिवील अस्पताल में आउटसोर्स कर्मचारी को 6 महीने से सैलरी नहीं मिली है। आर्थिक तंगी ने जीना मुहाल कर दिया है, इसलिए वह आठ दिनों से हड़ताल पर भी है। नारेबाजी करने के साथ-साथ भीख भी मांगी जा रही है। कुछ ऐसा ही हल तेंदूखेड़ा सिविल अस्पताल का है, जहां आउटसोर्स कर्मचारी में से किसी को 4 महीने का तो किसी को 5 महीने तक का वेतन नहीं मिला है। इसलिए कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हुए हैं और भीख मांगने को मजबूर है। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी ज़रूरतें पूरी नहीं होने के कारण वक्त असहाय महसूस कर रहे हैं।

कलेक्टर ने लिया संज्ञान

वहीं, कलेक्टर ने मामले में संज्ञान लिया है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि एक-दो दिन में इसका हल निकाला जाएगा और उन्हें वेतन मिल जाएगा। इतना ही नहीं भीख मांगने की तस्वीर सामने आते ही कलेक्टर ने कहा कि यह कोशिश की जारी है कि इन कर्मचारियों को रेगुलर वेतन मिल सके। बता दें कि इन अस्पतालों में परमानेंट कर्मचारियों की संख्या ना के बराबर है, जिस कारण आउटसोर्स कर्मचारी से सारे कार्य करवाए जा रहे हैं। ऐसे में अस्पताल में व्यवस्थाएं बदहाल हो चुकी है, जिसका खामियां मरीजों को भी बताना पड़ रहा है। इससे जिला प्रशासन की चिंता भी बढ़ चुकी है।

दमोह, दिनेश अग्रवाल