आज पूरे देश भर में बड़े ही धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जा रहा है। इस दिन लड्डू गोपाल की विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना की जाती है। मंदिरों को फूल और लाइटों से सजाया जाता है। सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है। बहुत सारे लोगों ने लड्डू गोपाल के जन्मोत्सव को मनाने के लिए व्रत भी रखा है। इसकी धूम मध्य प्रदेश के दमोह जिले में भी देखने को मिला, जहां बिल्कुल अलग तरीके से जिला जेल में लोगों ने उत्साह मनाया।
कहीं मंदिरों में झूले सजाए गए हैं, तो कहीं घर-घर में बांसुरी और मक्खन-मटकी के साथ कान्हा का स्वागत हो रहा है, दमोह जिला जेल में इस बार का नजारा बिल्कुल अलग था।
दिखा अलग नजारा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म भी जेल में हुआ था। इसी सच्चाई को दमोह जिला जेल में दिखाया गया। कैदियों और जेल स्टाफ ने मिलकर ऐसे आयोजन किए मानो धर्मग्रंथों के पन्ने आंखों के सामने उतर आए हों। इस दौरान उन तमाम दृश्यों को सामने रखा गया, जिन दृश्यों को धर्म ग्रंथो में भगवान के जन्म को लेकर बताया गया है। इसमें किसी कैदी ने कंस का सिपाही बनने की भूमिका निभाई, तो किसी ने वासुदेव का रूप धारण किया। जेल के भीतर ही यमुना नदी का दृश्य बनाया गया। टोकरी में नन्हें कृष्ण को रखकर वासुदेव बने कैदी ने नदी पार करने की लीला भी दिखाई। इन सबके बीच बांसुरी और बैंड-बाजे की धुन गूंजती रही, जिससे जेल का माहौल गोकुल और वृंदावन जैसा हो उठा।
जेल अधिक्षक ने दी ये जानकारी
जेल अधीक्षक पी.एल. प्रजापति ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि भगवान कृष्ण का जन्म कारागार में हुआ था। इस बार सरकार के निर्देश थे कि जेलों में भी जन्माष्टमी को भव्य रूप से मनाया जाए। इसी वजह से यहां विशेष आयोजन किया गया, जिसमें कैदी और स्टाफ दोनों ने भाग लिया। भक्ति गीतों और बाजों की धुन पर कैदी और अधिकारी झूम उठे।
दमोह, दिनेश अग्रवाल





