Damoh : रहवासी इलाके में फिर मिला विशालकाय अजगर, मुर्गी को बनाया शिकार

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दमोह, गणेश अग्रवाल। वर्तमान में हो रही भीषण गर्मी के कारण वन परीक्षेत्र से विभिन्न जीव जंतु लगातार रहवासी इलाकों में विचरण करते नजर आ रहे हैं। ऐसा ही मामला आज सुबह सामने आया है जब सप्ताह में चौथी बार अजगर  दमोह (Damoh) के मडियादो में नसीर खान के मुर्गी फॉर्म में घुसा हुआ पाया गया, जिसे टाइगर रिजर्व की टीम के द्वारा रेस्क्यू करके एक बार फिर जंगल में छोड़ा गया।

मामले के मुताबिक जिले दमोह (Damoh) के हटा विकास थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम मडियादो के एक मुर्गी फार्म में एक विशालकाय अजगर के होने की सूचना मिली। जिसकी जानकारी तत्काल ही स्थानीय लोगों व मुर्गी फार्म संचालक के द्वारा टाइगर रिजर्व टीम को दी गई, जहां मौके पर पहुंची टाइगर रिजर्व की टीम ने रेस्क्यू कर 5 से 6 फुट लंबे अजगर को पकड़ा। मौके पर टीम की मदद से अजगर को जंगल में छोड़ने के लिए टीम रवाना हो गई। दमोह (Damoh) के मडियादो वन परीक्षेत्र में पिछले 1 सप्ताह से यह चौथा बड़ा अजगर निकलकर सामने आया है, जिसके कारण यहां के रहवासी लोगों में काफी दहशत का माहौल व्याप्त है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।