Sat, Dec 27, 2025

सब इंजीनियर को विशेष न्यायालय ने सुनाई 04 वर्ष सश्रम कारावास की सजा, 60,000 रुपये की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने किया था गिरफ्तार

Written by:Atul Saxena
Published:
दस्तावेजी साक्ष्य एवं मौखिक साक्ष्य व अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्को से सहमत होकर न्यायालय द्वारा आज 30 सितम्बर को पारित निर्णय में आरोपी को दण्डित किया गया।
सब इंजीनियर को विशेष न्यायालय ने सुनाई 04 वर्ष सश्रम कारावास की सजा, 60,000 रुपये की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने किया था गिरफ्तार

Bhopal: Police arrested the accused who robbed women of their gold chains.

Damoh News : विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम दमोह संतोष कुमार गुप्‍ता को कोर्ट ने नगर पालिका हटा के तत्‍कालीन सब इंजीनियर जुबेर कुरैशीको 4 साल सश्रम कारावास और 2 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है, आरोपी सब इंजीनियर ने हटा तहसील स्थित मंगल भवन के हॉल की मरम्‍मत कार्य का बिल निकलवाने के ऐवज में रिश्वत मांगी थी, लोकायुक्त सागर की टीम ने उसे 60 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।

बिल भुगतान के बदले सब इंजीनियर ने मांगी थी 60,000/- रुपये की रिश्वत  

लोकायुक्त एसपी सागर योगेश्वर शर्मा से मिली जानकारी के मुताबिक 15 अप्रैल 2019 को राजेन्द्र कुमार असाटी पिता रामकुमार असाटी, चंडीजी वार्ड हटा जिला दमोह ने जुबेर कुरैशी के विरुद्ध रिश्वत मांग संबंधी शिकायती आवेदन पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त सागर के समक्ष प्रस्तुत किया था, आवेदन में राजेन्द्र ने बताया कि उसने नगर पालिका हटा के अंतर्गत आनलाईन टेंडर प्रणाली से मंगल भवन हाल का मरम्मत कार्य लिया था, उसका कार्य पूर्ण होने के उपरांत लगभग 13 लाख रुपये के बिल निकलवाने हेतु जुबेर कुरैशी (सब-इंजीनियर) बिल निकालने के ऐवज में 03 परसेंट रिश्वत लगभग 60,000/- रुपये की मांग कर रहे हैं

लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम ने किया था गिरफ्तार, कोर्ट ने सुनाई सजा 

राजेन्द्र असाटी रिश्वत नहीं देना चाहता था, बल्कि उसे रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। आवेदक द्वारा की गई शिकायत की तस्‍दीक पश्चात ट्रेप का आयोजन किया गया एवं ट्रेप के दौरान आरोपी जुबेर कुरैशी से रिश्वत राशि 60,000/- रुपये  बरामद की गई ,विवेचना में संकलित भौतिक, मौखिक एवं इलेक्ट्रानिक अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर आरोपी जुबेर कुरैशी के विरुद्ध आभियोग पत्र न्यायालय पेश किया गया। दस्तावेजी साक्ष्य एवं मौखिक साक्ष्य व अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्को से सहमत होकर न्यायालय द्वारा आज 30 सितम्बर को पारित निर्णय में आरोपी को दण्डित किया गया।