सब इंजीनियर को विशेष न्यायालय ने सुनाई 04 वर्ष सश्रम कारावास की सजा, 60,000 रुपये की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने किया था गिरफ्तार

दस्तावेजी साक्ष्य एवं मौखिक साक्ष्य व अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्को से सहमत होकर न्यायालय द्वारा आज 30 सितम्बर को पारित निर्णय में आरोपी को दण्डित किया गया।

Atul Saxena
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Damoh News : विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम दमोह संतोष कुमार गुप्‍ता को कोर्ट ने नगर पालिका हटा के तत्‍कालीन सब इंजीनियर जुबेर कुरैशीको 4 साल सश्रम कारावास और 2 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है, आरोपी सब इंजीनियर ने हटा तहसील स्थित मंगल भवन के हॉल की मरम्‍मत कार्य का बिल निकलवाने के ऐवज में रिश्वत मांगी थी, लोकायुक्त सागर की टीम ने उसे 60 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।

बिल भुगतान के बदले सब इंजीनियर ने मांगी थी 60,000/- रुपये की रिश्वत  

लोकायुक्त एसपी सागर योगेश्वर शर्मा से मिली जानकारी के मुताबिक 15 अप्रैल 2019 को राजेन्द्र कुमार असाटी पिता रामकुमार असाटी, चंडीजी वार्ड हटा जिला दमोह ने जुबेर कुरैशी के विरुद्ध रिश्वत मांग संबंधी शिकायती आवेदन पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त सागर के समक्ष प्रस्तुत किया था, आवेदन में राजेन्द्र ने बताया कि उसने नगर पालिका हटा के अंतर्गत आनलाईन टेंडर प्रणाली से मंगल भवन हाल का मरम्मत कार्य लिया था, उसका कार्य पूर्ण होने के उपरांत लगभग 13 लाख रुपये के बिल निकलवाने हेतु जुबेर कुरैशी (सब-इंजीनियर) बिल निकालने के ऐवज में 03 परसेंट रिश्वत लगभग 60,000/- रुपये की मांग कर रहे हैं

लोकायुक्त पुलिस सागर की टीम ने किया था गिरफ्तार, कोर्ट ने सुनाई सजा 

राजेन्द्र असाटी रिश्वत नहीं देना चाहता था, बल्कि उसे रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। आवेदक द्वारा की गई शिकायत की तस्‍दीक पश्चात ट्रेप का आयोजन किया गया एवं ट्रेप के दौरान आरोपी जुबेर कुरैशी से रिश्वत राशि 60,000/- रुपये  बरामद की गई ,विवेचना में संकलित भौतिक, मौखिक एवं इलेक्ट्रानिक अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर आरोपी जुबेर कुरैशी के विरुद्ध आभियोग पत्र न्यायालय पेश किया गया। दस्तावेजी साक्ष्य एवं मौखिक साक्ष्य व अभियोजन द्वारा प्रस्तुत तर्को से सहमत होकर न्यायालय द्वारा आज 30 सितम्बर को पारित निर्णय में आरोपी को दण्डित किया गया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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