Damoh News : मध्य्प्रदेश में बच्चों और महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं को लेकर सियासत जारी है। इस बीच सरकारी योजनाओं की एक बड़ी सनसनीखेज हकीकत सामने आई। जिससे प्रशासनिक हलके में हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल, मामला कुपोषण से हुई 18 महीने की आदिवासी समुदाय की मासूम का है। जिसकी मौत के बाद माहौल गरमाया हुआ है तो वहीं स्वास्थ्य और महिला बाल विकास विभाग की भूमिका भी कटघरे में खड़ी है। आइए विस्तार से जानें पूरा मामला…
घुटरिया गावं का मामला
बता दें कि मामला जिले के तेंदूखेड़ा ब्लाक के घाट घुटरिया गावं का है, जहां रहने वाले नारायण गौंड की 18 महीने की बेटी दुर्गा गंभीर हालत में स्वास्थ्य केंद्र लाई गई। तभी वहां मौजूद डॉक्टरों ने उसे एडमिट किया और देखा तो मासूम अति कुपोषण का शिकार थी। कमजोरी के साथ दुर्गा के शरीर में खून भी नहीं बचा था। जिसके बाद डॉक्टरों ने इलाज शुरू कर दिया लेकिन उपचार के दौरान ही मासूम ने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों के मुताबिक, मासूम अति कुपोषण का शिकार थी इसी वजह से उसकी मौत हुई है।
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
वहीं, मासूम की मौत के बाद हड़कंप मच गया है। जिसके बाद कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने मौत की पुष्टि करते हुए इसे खेदजनक घटना बताया। साथ ही, कलेक्टर ने पूरे मामले की जांच कराने के आदेश भी दिए है। उनके मुताबिक, मासूम की मौत की जांच बारीकी से कराई जा रही है और जिसकी भी गलती पाई जाएगी उस पर कार्रवाई की जाएगी।
तेंदूखेड़ा सब डिवीजन क्षेत्र में मीडिया के माध्यम से कुपोषित बालिका की मौत की खबर सामने आई है जिसकी जांच कराई जायेगी@healthminmp pic.twitter.com/c4M6QgTGwf
— Collector Damoh (@CollectorDamoh) May 10, 2023
दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट