दमोह में कोरोना कहर के चलते हुआ वर्चुअल रावण दहन

दमोह,गणेश अग्रवाल। दमोह जिला मुख्यालय पर बीते 40 सालों से आयोजित होने वाले रावण दहन के कार्यक्रम को इस साल संक्रमण के चलते नहीं किया गया। बल्कि रावण दहन कार्यक्रम का वर्चुअल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों के साथ राम जी सेवा समिति के द्वारा रावण दहन किया गया और उसका प्रसारण भी हुआ।

दरअसल, राम जी सेवा समिति के द्वारा दमोह जिला मुख्यालय पर बीते 40 वर्षों से बड़ा आयोजन किया जाता रहा है। जिसमें रावण का दहन कार्यक्रम नवमी को ही किया जाता है। दशहरा को दमोह में चल समारोह का आयोजन होता है। लेकिन संक्रमण के चलते इस बार रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन राम जी सेवा समिति के द्वारा नहीं किया गया।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।