वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन के चेयरमेन पर स्याही फेंकना पड़ा भारी,दोनों युवकों को भेजा जेल

Atul Saxena
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दमोह, गणेश अग्रवाल।  कांग्रेस (congress)को अलविदा कहकर इस्तीफा देने और भाजपा (BJP) में शामिल हो दमोह विधायक राहुल सिंह लोधी (Rahul Singh Lodhi) के रविवार को दमोह पहुँचने पर भाजपा (BJP)ने जहाँ उनका स्वागत किया वहीँ कांग्रेस (Congress) ने जमकर हंगामा किया। हालाँकि पुलिस ने कैबिनेट मंत्री का दर्जा  प्राप्त वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमेन राहुल सिंह के आने से पहले ही हंगामा कर रहे कोंग्रेसियों को गिरफतर कर लिया लेकिन फिर भी दो युवकों ने राहुल सिंह पर स्याही फेंकी और जूतों पहना दी। पुलिस ने दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया। न्यायालय ने आज दोनों युवकों को जेल भेज दिया।

राहुक सिंह के दमोह पहुँचने से पहले ही कांग्रेस ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया था। पुलिस ने एक्शन लेते हुए कांग्रेसियों को गिरफ्तार कर लिया और सुरक्षा बढ़ा दी लेकिन पुलिस की नजर से दिग्पाल सिंह और सुनील सिंह नाम के दो आक्रोशित युवक बच गए दोनों युवकों ने सरे बाजार राहुल लोधी पर स्याही फेंकी और जूतों की माला पहना दी। मौके पर मौजूद पुलिस ने दोनों युवकों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया और आज सोमवार को देर शाम दमोह जिला न्यायालय में पेश किया।  दमोह कोर्ट ने सरकारी काम में बाधा और लोक शांति भंग करने के आरोप में दोनों प्रदर्शनकारी युवकों की जमानत अर्जी निरस्त करते हुए जेल भेज दिया है।

शासकीय अधिवक्ता के अनुसार पुलिस ने कोर्ट में जो दलील दी है उसके मुताबिक़ दिग्पाल और सुनील ने राहुल का अपमान करने के साथ जो स्याही फेंकी उसमें इलाके के टीआई एच आर पांडे और एक सब इन्स्पेक्टर की आँखों में चोटें आई है इसके अलावा विरोध का तरीका कानून के मुताबिक़ नहीं था जिस वजह से जमानत याचिका ख़ारिज की गई है.  सीजेएम कोर्ट ने अगली सुनवाई दो फरवरी रखी है मतलब दोनों को दो फरवरी तक जेल में रहना पडेगा।

वहीं आरोपियों के वकीलों के मुताबिक पुलिस ने जो तर्क रखे है उसके अनुसार कहीं से भी शासकीय कार्य में बाधा जैसे साक्ष्य नहीं है और कल यानी मंगलवार को वो सेशन कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल करेंगे और एक दो दिन में दोनों को जमानत मिल जायेगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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