Damoh News : मध्य प्रदेश में अलग-अलग इलाकों में मौसम की मार की वजह से बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान हुआ है। जिस कारण कई जिलों में फसल को तबाही की तश्वीरें सामने आई थी। वहीं, अब जंगली जानवरों के आतंक की वजह से फसल बर्बाद हो रही हैं। इसके चलते बड़े पैमाने पर किसानों को नुकसान हो रहा है।
खड़ी फसलों को कर रहे तबाह
दरअसल, दमोह जिला देश के 2 बड़े रिजर्व टाइगर इलाकों को छूता है। जिसमें प्रसिद्ध पन्ना रिजर्व टाइगर और दूसरा नोरादेही अभ्यारण्य शामिल है। इतना ही नहीं, देश का सबसे बड़ा रिजर्व टाइगर इसी जिले में बनने जा रहा है। बता दें कि इन इलाकों में बड़ी संख्या में जंगली जानवर भी है। इन रिजर्व फारेस्ट एरिया से लगे सैकड़ों गांव भी है और यहां पर बड़ी आबादी होने के साथ किसानों की जमीन है, जहां किसानों ने फसलें बोई है। जिसे नीलगाय और जंगली सुअर तबाह कर रहे है।
किसान हुए परेशान
जंगली जानवरों के झुंड अक्सर ही खेतों में खड़ी फसलों पर हमला बोलते हैं और कुछ ही समय में उसे बर्बाद करके चले जाते हैं। इधर, किसानों द्वारा जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए इंतजाम भी किए गए हैं। हालांकि, उसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला था। वहीं, किसान राजस्व विभाग के अफसरों को शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन इस तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया है। किसानों की मानें तो छोटे रकवे वाले किसानों के खेतों में इतना भी नहीं बचा की बीज ही वापस हो सके। वहीं, वन विभाग द्वारा बताया गया कि सरकार ने जंगली जानवरों से हुई फसल बर्बादी को लेकर मुआवजे का प्रावधान किया है।
वन मण्डल अधिकारी ने कही ये बात
किसानों को जंगली जानवरों से हुई नुकसान की शिकायत स्थानीय तहसीलदार को करनी पड़ेगी। जिसकी सूचना तहसीलदार वन विभाग को देंगे। जिसके बाद राजस्व और वन विभाग की टीम सर्वे करेगी और 25 फीसदी से ज्यादा फसल नुकसान हुआ है, तो इसके लिए मुआवजा भी मिलेगा। इसके साथ ही जानवरों को खेतो में घुसने से रोकने के इंतजाम भी किए जा रहे है- एम. एस. ऊइके, वन मण्डल अधिकारी, दमोह
दमोह, दिनेश अग्रवाल