दमोह, डेस्क रिपोर्ट। दमोह जिले में होली के दिन कलेक्ट्रेट के सामने बैठी महिलाओं को जिसनें भी देखा हैरान रह गया, यह महिलायें यहाँ होली खेलने नहीं बल्कि विरोध जताने धरने पर बैठी थी और इनका यह धरना 7 मार्च से जारी है, दरअसल दमोह जिले की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका 7 मार्च से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठी हैं। महिलाओं का आरोप है कि सरकार उनकी समस्या सुलझा नहीं रही है। सरकार उन्हे 10 हजार का मानदेय दे रही है लेकिन 10 हजार मानदेय में उनका परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है और हालात यह है कि वह होली पर्व तक नहीं मना पा रही है ऐसे में इन महिलाओं ने घर जाकर होली मनाने की बजाए कलेक्ट्रेट के सामने ही धरना जारी रखा।
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महिलाओं की माने तो उन्होंने सरकार के सामने सिर्फ एक ही मांग रखी है, कि एक प्रमुख मांग है कि उन्हें नियमित किया जाए, लेकिन सरकार अभी तक उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है और इस बार वह तब तक पीछे नहीं हटेगी जब तक सरकार उनकी इस मांग को पूरा नहीं करेगी। वही जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मानती, उनका धरना जारी रहेगा। हालांकि होली के मौके पर धरने पर महिलाओं की संख्या कम थी, लेकिन उनका यह कहना था कि पहले से तय कर लिया था कि कुछ महिलाएं ही यहां पर धरना जारी रखेंगी, ताकि अनिश्चितकालीन धरने को विराम न लग सके। शनिवार से सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं यहां पर पहले के दिनों की तरह धरने में शामिल होगी।