आखिर कैसे एक टूटे पुल ने की कांग्रेस की गुटबाजी दूर !

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दतिया, राहुल ठाकुर। सेवड़ा तहसील में बहे पुलों के पुनः निर्माण के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष दामोदर सिंह यादव ने सेवड़ा विधायक घनश्याम सिंह को एक पत्र मंगलवार को भेजा जो सोशल मीडिया प्लेटफोर्म पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमे साफ तौर पर कांग्रेस पार्टी में चल रही मन मुटाव की राजनीति को एक करने की पेशकश प्रदेश उपाध्यक्ष कांग्रेस दामोदर सिंह यादव के द्वारा की जा रही है और अब तमाम ज्ञापनों के बाद नींद में सोई हुई सरकार को अब ग्रहमंत्री का बंगला घेरकर जगाने की पहली कोशिश की जा रही है। दरअसल यह पूरी कवायद सेवढा पुल के लिए है जो पिछले साल बाढ़ में बह गया था और अभी तक इसे दुबारा बनाया नहीं गया है जिससे हजारों लोग रोजाना परेशान हो रहे है।

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शायद यह मामला पहली बार होगा जहां पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का  बंगला घेरा जाएगा और सेवढा में चल रही विकराल समस्या को दूर करने की गुजारिश की जाएगी। सेवढा विधायक घनश्याम सिंह को भेजे गए वायरल पत्र में उल्लेख किया गया है कि अपने विधानसभा क्षेत्र सेवड़ा के अंतर्गत आने वाले तीनों पलों को टूटे हुए 1 वर्ष बीत गया है लेकिन मेरे और आपके प्रयासों के बाद भी शासन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया और अपने क्षेत्र के किसानों व्यापारियों सहित नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इस पत्र के माध्यम से मैं विनम्रता पूर्वक दो सुझाव आपको देना चाहता हूं पहला सुझाव है कि हम दोनों जब एक ही मुद्दे पर लड़ाई लड़ रहे हैं तो फिर अलग-अलग आंदोलन न करते हुए एक साथ करें और दूसरा सुझाव यह है कि जब हमारे ही जिले में प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री के बाद दूसरा स्थान रखने वाले नेता डॉ नरोत्तम मिश्रा जी बैठे हैं तो फिर हम अपनी उर्जा बेचारे एसडीएम सेवढा को ज्ञापन देकर बर्बाद करने की बजाए गृह मंत्री का घेराव करें। मेरा और दतिया जिले के कार्यकर्ताओं का लक्ष्य 2023 में पुनः कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाना है और उम्मीद है आप भी यह उद्देश है तो फिर हम लोग अलग-अलग चलने की जगह साथ-साथ चलें अगर आप मेरे विचार से सहमत हैं तो आप ही तारीख तय करके मुझे बता दें कि कब से गृह मंत्री जी के निवास के सामने धरना प्रदर्शन पर बैठना है हजारों की संख्या में किसानों को एकत्रित करने की जिम्मेदारी मेरी है आपने 27 अगस्त सहित मेरे अनेकों आंदोलन देखे भी हैं आपके उत्तर की प्रतीक्षा रहेगी।


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Harpreet Kaur

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