दतिया, सत्येन्द्र सिंह रावत
केन्द्र सरकार की महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना दतिया में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। इस योजना में रोजगार की गारंटी हो या न हो लेकिन भ्रष्टाचार की पूरी गारंटी है। ताजा मामला जनपद पंचायत ग्राम रिछारी का है। ग्राम पंचायत रिछारी में कई लाख रुपए की लागत से खेल मैदान और ग्रेवल रोड का निर्माण केवल कागजों पर कराया जा रहा है। जनपद पंचायत के अफसरों और तकनीकी अधिकारियों के सरंक्षण में पंचायत के नुमाइंदों ने फर्जी मस्टर डालकर कागजों में 55 मजदूर कार्यरत बता दिए।
जब मीडिया द्वारा मौके पर मुआयना किया तो वहां कोई भी मजदूर कार्य करता नहीं मिला। यही हालत जनपद पंचायत दतिया कि अधिकांश ग्राम पंचायतों की है। जहां प्रवासी मजदूरों के नाम पर लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा कागजों में चल रहा हैं। मनरेगा के जॉबकार्डधारी मजदूर कागजों में कार्य कर रहे हैं। जबकि यह कार्य पूर्व में ही मशीनरी हो चुके होते हैं। अब पंचायत के नुमांइदे घर बैठकर फर्जी मस्टर डालकर लाखों रुपए की राशि हड़पने की तैयारी में हैं।
जिला पंचायत और जनपद पंचायत के अफसर दतिया की अधिकांश ग्राम पंचायतों में हजारों प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने का दम भर रहे हैं। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। अफसरों के ये दावे सिर्फ कागजी साबित हो रहे है। दतिया जिला में मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है। जिम्मेदार अफसर एयरकंडीशन ऑफिसों में बैठकर मनरेगा की मॉनिटरिंग कर रहे है।