करोड़पति बनने के चक्कर में धोखाधड़ी करने वाले 2 आरोपी गिरफ्तार, ऐसे रचते थे षडयंत्र

Lalita Ahirwar
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देवास, अमिताभ शुक्ला। करोड़पति बनने के चक्कर में षड़यंत्र रचने और धोखाधड़ी (Fraud) करने की घटना अभी तक आपने रील लाईफ में ही सुनी और देखी होगी लेकिन देवास में रियल लाईफ में कुछ लोग बीमा कम्पनी को चूना लगाकर 1 करोड़ रूपये लेने के चक्कर में थे जिसके लिए बकायदा एक ज़िंदा व्यक्ति को मृत बता दिया। जो अब धोखाधड़ी के आरोपी जेल की सलाखों के पीछे पहुँच चुके हैं। फिलहाल 2 लोग अभी भी फरार हैं, जिनकी पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है।

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बीमा पॉलिसी से 1 करोड़ का क्लेम लेकर करोड़पति बनने के चक्कर में देवास में रहने वाले एक परिवार ने सोचा समझा षडयंत्र रचा और परिवार के मुखिया के नाम से बीमा पॉलिसी लेकर, उसकी दो किश्तें जमा करने बाद ही फर्जी दस्तावेज बनाकर मुखिया को मृत घोषित कर दिया। लेकिन इस मामले में बीमा कंपनी को परिवार पर शक हुआ जिसकी शिकायत कम्पनी ने पुलिस को कर दी। पुलिस जांच में इस परिवार द्वारा रचे गए पूरे षडयंत्र की पोल खुल गई। जिसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी अब्दुल हनीफ व उसकी पत्नी रेहाना, पुत्र इकबाल और एक फर्जी दस्तावेज बनाने वाले डॉक्टर शाकिर मंसूरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर, आरोपी अब्दुल हनीफ व डॉ शाकिर मंसूरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया हैं। वहीं इस जालसाजी में शामिल आरोपी की पत्नी रेहाना व बेटा फरार हैं जिनकी तलाश पुलिस कर रही हैं।

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दरअसल आरोपी अब्दुल हनीफ निवासी एकता नगर इटावा ने 2 मई 2019 ऑनलाइन एक करोड़ की जीवन बीमा पॉलिसी एसबीआई लाईफ इंश्योरेंस की तारानी कॉलोनी स्थित शाखा से ली थी। जिसकी सालाना किश्त लगभग 40 हजार रुपए बैंक द्वारा तय कि गई थी। जिसके चलते अब्दुल हनीफ ने मासिक रूप से 4-4 हजार की दो किश्तें इंश्योरेंस कंपनी में जमा कि थी। 2019 में सितंबर में अब्दुल हनीफ के पुत्र इकबाल ने अपने पिता को मृत बताकर नगर पालिका निगम में मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन दिया। इसमें इकबाल द्वारा एक डॉ. शाकिर मंसूरी निवासी लक्ष्मीनगर स्टेशन रोड जो है। जिससे फर्जी दस्तावेजों पर साइन करवाया और उसके बाद नगर निगम से फर्जी दस्तावेज देकर मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया। इसके बाद इंश्योरेंश कंपनी को मृत्यु प्रमाण-पत्र सहित अन्य दस्तावेज देकर जालसाजी करने का पूरा षड्यंत्र रचा गया। इसमें आरोपी का बेटा इकबाल व पत्नी रेहाना सहित डॉ .शाकिर शामिल थे ।

इसको लेकर जब इंश्योरेंश कंपनी को आशंका हुई तो उन्होंने मामले को लेकर कोतवाली थाने में आवेदन दिया। जिसकी जांच सब इंस्पेक्टर पवन यादव द्वारा की गई। 2 साल बाद पूरे मामले में अब तक फरार रहे मृतक अब्दुल हनीफ स्वस्थ मिले और पुलिस ने उन्हें और डॉ. शाक़िर मन्सूरी को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में एएसआई पवन यादव ने बताया, कि अभी तक कुल चार आरोपियों में से दो आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। जबकि आरोपी अब्दुल का बेटा इकबाल व उसकी मां रेहाना फरार हैं, जिसकी तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है।


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