MP News : भावुक हुए दीपक जोशी, शिवराज को बताया जीरो, कल होगा कांग्रेस में प्रवेश

MP News : भाजपा के दिग्गज नेता व पूर्व मंत्री दीपक जोशी के कांग्रेस में शामिल होने की खबर के बाद से ही देवास जिले की बागली विधानसभा में सियासी हलचल तेज हो गई। पूर्व सीएम कैलाश जोशी की परंपरागत सीट बागली में जोशी परिवार का खासा वर्चस्व रहा है। जोशी स्वयं 8 बार व दीपक जोशी 1 बार बागली से विधायक निर्वाचित वही 2008,13 व 18 के चुनावों में भी दीपक जोशी ने अपने समर्थक कार्यकर्ताओं को ही विधानसभा पहुंचाया है। बागली में भाजपा के सभी सियासी फैसलो में दीपक जोशी की प्रमुख भूमिका रहती है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में जोशी की खासी पकड़ मानी जाती है। आज शाम को जोशी के देवास स्थित निवास पर बागली व हाटपिपल्या विधानसभा क्षेत्र के समर्थको का तांता लगना शुरू हो गया।प्राप्त जानकारी के अनुसार दीपक जोशी कल सुबह 8.30 बजे देवास निवास से भोपाल रवाना होंगे।सबसे पहले प्रातः 10 बजे अपने पिता के बंगले बी 74 जाएंगे। वहां से अपने पिता व पूर्व सीएम स्व.कैलाश जोशी की तस्वीर लेकर 11 बजे पीसीसी चीफ कमलनाथ के निवास पर जा कर कांग्रेस का हाथ थामेंगे। पार्टी ज्वाइन करने के बाद कांग्रेस दफ्तर के लिए रवाना होंगे। जहां पूर्व सीएम स्व. कैलाश जोशी की तस्वीर साथ रखेंगे।

भावुक हुए दीपक जोशी, शिवराज को बताया जीरो

आज शाम अपने देवास स्थित निवास पर मीडिया से बात करते हुए पूर्व मंत्री दीपक जोशी भावुक नजर आए। जोशी ने कहा कि यह लड़ाई मेरी नहीं मेरे पिता के समान कि है। मेरे पिता के अपमान को मैं कभी नहीं सह सकता।भावुकता में जोशी ने कहा कि मेरे पिता ईमानदारी की राजनीति करते थे,में भी उसी राह पर बड़ा और बागली में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला उजागर किया,मेरे पिता उदयनगर व कांटा फोड़ की जिन दुकानों पर बैठते थे, उन दुकानों को तोड़ दिया गया। जोशी ने सीएम शिवराज के लिए कहा कि बॉस ताली लेते है,तो गाली भी लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमीदिया कॉलेज में जब वे छात्र राजनीति करते थे तब सीएम शिवराज संगठन में थे। यानी वे जीरो और में हीरो था।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”