Dewas News : पूर्व सीएम व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह इन दिनों कांग्रेस की हारी हुई सीटों के दौरे पर है। आज देवास जिले की बागली विधानसभा के कांटाफोड़ में कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक में सम्मिलित होने आए। जहाँ उन्होंने पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए सबसे पहले बागली विधानसभा से लगातार विधायक रहे बीजेपी के दिग्गज नेता व पूर्व सीएम स्व.कैलाश जोशी को याद करते हुए कहा कि जोशी ने बागली के मतदाताओं की सेवा कर जो निजी संपर्क बनाया वो आदर्श है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि कैलाश जोशी को भाजपा में कभी सम्मान नही मिला,वे भारत की राजनीति के विशिष्ठ व्यक्ति थे। जनसंघ और आरएसएस के लिए वे वरदान साबित हुए थे। जब छोटे छोटे राजनेताओं को पद्म श्री, पद्मभूषण जैसे सम्मानो से सम्मानित किया गया तो कैलाश जोशी को क्यों इससे अलग किया गया। कभी भी भाजपा की सरकार ने उनका नाम पद्मा अवार्ड के लिए कभी प्रस्तावित ही नहीं किया। उनकी मृत्यु के बाद भी उनके परिवार के साथ जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का व्यवहार था उससे हम सभी को बुरा लगा। दिग्विजय सिंह के साथ पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा, जिलाध्यक्ष अशोक कप्तान,पूर्व मंत्री दीपक जोशी,कांग्रेस नेता मनोज राजानी,जिला पंचायत अध्यक्ष लीला बाई अटाडिया आदि सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे। आगे उन्होंने कार्यकर्ताओ से संवाद कर बागली क्षेत्र में लगातार हार के कारण जानने का प्रयास किया।
सिंचाई योजनाएं कांग्रेस की देन
दिग्विजय सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में सिंचाई योजना कांग्रेस सरकार की देन है। निमाड़ में मेरे मित्र सुभाष यादव ने सिंचाई की पूरी व्यवस्थाएं की। हमने इंदिरा सागर परियोजना बनाई तब तत्कालीन सांसद स्व.नंदकुमार सिंह चौहान और विजय शाह मेरे पास अधिक मुआवजे की मांग के साथ आए, मैंने कहा कितना चाहिए लिख कर दो, तब उन्होंने जो सूची दी, उससे मुआवजा भी दिया और हरशुद नगर को बचाने का भी सुझाव दिया तब इन्होंने ही कहा की नही हमे नया हरशुद बसाना है। हमने सिंचाई के लिए काफी काम किया। आज इनकी नल जल योजना में पाइप खरीद लिए पर पानी नहीं है। पूरे देश में कमीशन की सरकार चल रही है। खरीद फरोख्त करते जाओ, कमीशन खाते जाओ।
पीएम मोदी पर भी साधा निशाना
नए संसद के उद्घाटन को लेकर पूछे गए सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि मोदी सिर्फ अपना चेहरा दिखाने के लिए संसद का उद्घाटन कर रहे हैं, उनकी फोटो की फ्रेम इस प्रकार बनती है कि कोई दूसरा नेता नजर ही नहीं आता। उन्होंने कहा कि संसद भवन का उद्घाटन देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति से नहीं करवाना उनका अपमान है। उन्होंने कहा कि सेंगोल राजशाही का प्रतीक है। यह दक्षिण के चोला राजाओं के बीच प्रथा थी। प्रधानमंत्री नेहरू को जब यह लोक दण्ड मिला तो क्योंकि यह राजशाही का प्रतीक था इसलिए लोकशाही का प्रतीक संसद में स्थापित करना उचित नहीं समझा।
देवास/बागली से सोमेश उपाध्याय की रिपोर्ट