Dewas News : घर से भटक गई थी महिला, 3 माह भटकने के बाद मिला परिवार, भावुक कर देगा वीडियो

पुलिस और वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में कागजी खानापूर्ति करने के बाद महिला को उसके परिवार को सौंप दिया गया।

Amit Sengar
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Dewas News : देवास जिले के बागली में आज एक मार्मिक घटना घटी। पिछले 3 माह से बिछड़ी महिला को अपना परिवार और बच्चे मिल गए। महिला मानसिक रूप से परेशान और कमजोर थी। इस मानवीय कार्य के लिए नगर के मातृशक्ति समूह और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओ ने सराहनीय भूमिका निभाई। महिला भले ही मानसिक रूप से कमजोर थी, पर अपने परिवार का नाम जानती थी।

बता दें कि बड़वानी की रहने वाली 35 वर्षीय पायल के पति का देहांत हो गया था, पति की मौत के बाद से ही पायल की मानसिक स्थिति खराब थी। पायल के 2 बच्चे भी थे और अभी अपने पिता के साथ रह रही थी। 3 माह पूर्व घर से अपनी बहन से मिलने निकली पायल रास्ते में ही भटक गई और इंदौर पहुंच गई,जगह जगह भटकने के बाद 1 माह पहले वह बागली आ गई थी। सड़को पर ही अपना आसरा बना कर रहने वाली पायल पागलों की भांति घूमने लगी।जवान पायल को इस तरह घूमते देख बागली की मातृ शक्ति समूह आगे आई और उसके परिजनों को ढूंढने लगे।

ऐसे मिला परिवार का ठिकाना

पायल से मिली कुछ जानकारी के बाद उसने अपना पता बड़वानी और पिता का नाम रामाजी बताया उसी आधार पर उसका वीडियो बना कर बड़वानी के सोशल मीडिया ग्रुप पर वायरल किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता दाखा कारपेंटर,संध्या शिवहरे व पूर्व नप अध्यक्ष श्यामा तोमर ने रुचि दिखा कर अपने निजी संपर्को के माध्यम से परिजनों की तलाश प्रारंभ की। जनपद सदस्य आशीष पाटीदार ने भी बड़वानी में संपर्क किया और फिर पायल के परिजनों का पता लग गया। आज बुधवार को पायल के पिता रामाजी पिता धुर सिंह बड़वानी से बागली आए और फिर पुलिस के माध्यम से पायल को परिजनों के सुपुर्द किया।अपने पिता को देख महीनो बाद पायल की आंखों में खुशी दिखी।पायल और उसका परिवार के बड़वानी में ही मजदूरी करते है। पिता ने बड़वानी थाने पर भी उसकी गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज की थी। पुलिस और वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में कागजी खानापूर्ति करने के बाद महिला को उसके परिवार को सौंप दिया गया।
देवास/बागली से सोमेश उपाध्याय की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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