ABVP के 54 वे प्रांत अधिवेशन में भाग लेने पहुचे केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा – राष्ट्रवाद की विचारधारा को सम्बल देने का केंद्र रहा है मालवा

Amit Sengar
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देवास, अमिताभ शुक्ला। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 54 वे मालवा प्रांत अधिवेशन में भाग लेने केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल आज देवास पहुंचे जहां उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांतीय अधिवेशन में भाग लिया साथ ही प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा की राष्ट्रवाद की हमारी विचारधारा को संबल देने का केंद्र मालवा रहा है, मैं सौभाग्यशाली हूं कि यहां की युवा शक्ति के बीच अपनी बात रखने का मौका मुझे मिला है।

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आगे उन्होंने कहा की भारत अमृत काल से गुजर रहा है आजादी के 75 वर्ष पूरे होने वाले हैं और विद्यार्थी परिषद जैसे राष्ट्रवादी संगठन का भी अमृत काल 2 साल बाद आ जाएगा । मैं यह मानता हूं कि दुनिया में इस समय जो युवाओं का प्रतिशत है उसमें सबसे बड़ी संख्या भारत में निवासरत है । हम यह मानते हैं कि युवाओं को गतिशील बनाने के लिए ही विद्यार्थी परिषद जैसे संगठन 7 दशक से ज्यादा का समय हो गया है । 2 साल बाद अमृत काल हम सब मनाएंगे । मैं मानता हूं कि भारत भूमि के उस नौजवान को संस्कार देना राष्ट्रवाद के साथ में उसकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना यह काम विद्यार्थी परिषद करता है इसलिए मैं मानता हूं कि यह सौभाग्य का दिन है।

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खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय को लेकर कहा कि 2 मेगा फूड पार्क के समय मध्य प्रदेश में है एक खरगोन में और देवास में । देवास भी इससे पहले आया था । आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है । अगर प्याज की उम्र बढ़ाने वाली बात पर काम होता है तो मालवा जैसा क्षेत्र जो प्याज लहसुन का बड़ा उत्पादक है ।प्याज ना उगे और खराब ना हो इस पर और खाद्य के कई क्षेत्रों में सरकार काम कर रही है उत्तर प्रदेश में होने जा रहे चुनाव के सवाल को केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल टालते हुए नजर आए ।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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